प्रकृति है जीवन का उपहार

प्रकृति है जीवन का उपहार

प्रकृति है जीवन का उपहार प्रकृति है जीवन का उपहार,इसे हम कब संभालेंगे।धरा की पावन आसन पर , इसे हम कब पौढ़ायेंगे।बचा ले अपने जीवन में , स्वास के दाताओं को अब , नहीं तो श्वास और उच्छवास को हम भूल जाएंगे।बेखट कट रहे हैं पेड़, हमारी ही इच्छाओं से , उजड़े बाग उपवन वन ,...

गुरू का गुणगान

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा...

तुम्हारे बिन ये ज़िंदगी

तुम्हारे बिन ये ज़िंदगी तुम्हारे बिन ज़िंदगी अधूरा सफ़र लगता है।चांदनी रात की पहर भी जैसे तपती दोपहर लगता है।खिलते है फूल बागों में बहुत।मगर तुम्हारे बिन अब इन फूलो की खुशबू भी बेअसर लगता है।यूं तो कभी मैं ज़िंदगी और मौत से नही डरता।मगर तुम्हारा हाथ और साथ ना छूट जाए...

धरती स्वर्ग दिखाई दे

धरती स्वर्ग दिखाई दे करके ऐसा काम दिखा दो, जिस पर गर्व दिखाई दे।इतनी खुशियाँ बाँटो सबको, हर दिन पर्व दिखाई दे।हरे वृक्ष जो काट रहे हैं, उन्हें खूब धिक्कारो,खुद भी पेड़ लगाओ इतने, धरती स्वर्ग दिखाई दे।।करके ऐसा काम दिखा दो… कोई मानव शिक्षा से भी, वंचित नहीं दिखाई...
प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन – शशांक गर्ग

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन – शशांक गर्ग

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन ” बिगड़ते पर्यावरणीय संतुलन और मौसम चक्र में बदलाव के कारण पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियों के अलावा जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पर्यावरण के तेजी से बदलते दौर में हमें भली-भांति जान लेना चाहिए कि इनके...