करवा चौथ का दिन / राकेश राज़ भाटिया

करवा चौथ का दिन / राकेश राज़ भाटिया

करवा चौथ भारतीय संस्कृति में सुहागिनों के प्रेम और आस्था का प्रतीक पर्व है, जहां हर सुहागन सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती है। इस दिन का विशेष महत्व चांद के दीदार से जुड़ा होता है, जो जीवनसाथी के प्रति समर्पण और प्रेम का प्रतीक माना...
पति-व्रता की प्रार्थना / शिवराज सिंह चौहान

पति-व्रता की प्रार्थना / शिवराज सिंह चौहान

यह कविता एक पतिव्रता स्त्री की भावनाओं और समर्पण को दर्शाती है, जो करवा चौथ के व्रत के दौरान अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। वह पूरे दिन व्रत रखती है, सोलह श्रृंगार करती है, मां पार्वती की कथा सुनती है और अपने सुहाग की सलामती की प्रार्थना करती...
शरद पूर्णिमा / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’

शरद पूर्णिमा / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’

शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे भारत के विभिन्न भागों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा अश्विन महीने  की पूर्णिमा को मनाई जाती है और इसे विशेष रूप से...
रावन मारे बर बड़ हुसियार / राजकुमार ‘मसखरे’

रावन मारे बर बड़ हुसियार / राजकुमार ‘मसखरे’

इस कविता में समाज के उन लोगों या नेताओं की आलोचना करता है जो जनता के अधिकारों और संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं। “बहुरूपिया” का मतलब ऐसे लोग जो अपनी असली पहचान छिपाकर छल करते हैं। इसे समाज में जागरूकता फैलाने या भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज...
बड़ अच्छा लगथे / राजकुमार ‘मसखरे

बड़ अच्छा लगथे / राजकुमार ‘मसखरे

बड़ अच्छा लगथे “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”ये नारा बड़ अच्छा लगथे !ये नारा बनइया के मन भरपयलगी करे के मन करथे !!जब छत्तीसगढ़िया मनगुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथेहरियाणा जलेबी/बंगाली चाय के बड़ई करथेबड़ अच्छा लगथे !!जब छत्तीसगढ़िया मनअपन घर म कोनों काम-कारज ल...