धरती माँ तुम पावन थीं – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता में धरती की पावनता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास किया गया है |
धरती माँ तुम पावन थीं – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता में धरती की पावनता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास किया गया है |
धरती माँ तुम पावन थीं – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना में गणेश जी की वंदना की गयी है |
गणेश वंदना – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना में कवि असमंजस की स्थिति में है | उसे विषय ही नहीं सूझ रहा जिस पर वह अपने विचारों को अपनी कलम के माध्यम से साकार कर सके |
कोरा कागज़ – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
भ्रम
प्रेरणा से