Author: कविता बहार

  • कृष्ण भजन – वंदना – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

    कृष्ण भजन – वंदना

    कृष्ण
    कृष्ण

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया
    वो जबसे जगत में आया
    सबका बेड़ा पार लगाया

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

    उसकी बातें मेरे मन को भायें
    मन में जीवन ज्योति जगायें
    उसकी महिमा का अंत नहीं है
    उसके जैसा संत नहीं है

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

    बातें उसकी अमृत बरसायें
    जीवन में अमृत घोल जायें
    वो तो है सबका सहारा
    करता सबका जीवन उजियारा

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

    बनाई है दुनिया उसी ने
    राह सच्ची दिखाई उसी ने
    मोक्ष पाने का रास्ता दिखाया
    मानव के समझ में आया

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

    उसकी लीलायें लगतीं निराली
    अब माखन चुराने की बारी
    हो बालपन या फिर युवापन
    हर एक रूप सभी को है भाया

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

    धर्म का पाठ है सबको पढ़ाया
    सत कर्म से परिचय कराया
    रूप अर्जुन को अपना दिखाया
    मन मस्तिस्क पर है ये छाया

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

    कृष्ण की महिमा सब मिल गायें
    जीवन को अपने सफल बनायें
    इस जीवन में मोक्ष पायें
    प्रभु की गोद में जगह बनायें

    रूप श्याम का मेरे मन को भाया
    रूप मुरली मनोहर का भाया

  • कविताओं के ज़रिए – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

    विश्व कविता दिवस प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था।

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    कविताओं के ज़रिए – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

    दुनियाँ में चिड़िया रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बची रहेंगी चिड़ियाँ
    पर केवल कविता प्रेमी ही सुन सकेंगे चिड़ियों के गान
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में प्रेम रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बचा रहेगा प्रेम
    पर केवल कविता प्रेमी ही समझ सकेंगे प्रेम का मर्म
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में उजास रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बचा रहेगा उजास
    पर केवल कविता प्रेमी ही जी सकेंगे उजास भरी जिंदगी
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में सच रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बचा रहेगा सच
    पर केवल कविता प्रेमी ही सच को अनावृत कर सकेंगे
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में क्रांति रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बची रहेगी क्रांति
    पर केवल कविता प्रेमी ही फिर से ला पाएंगे क्रांति
    कविताओं के ज़रिए

    चिड़ियों का कलरव
    मनुष्यों के लिए प्रेम
    जीने के लिए उजास
    बोलने के लिए सच
    और
    विरोध के लिए क्रांति
    कविताओं में सुरक्षित बची रहेगी हमेशा।

    — नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
    9755852479

  • प्रेम रंग होली हिंदी कविता- आरती सिंह

    होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है। विकिपीडिया

    प्रेम रंग होली हिंदी कविता

    holi-kavita-in-hindi
    holi-kavita-in-hindi

    नफरतों की होलिका
    जलाई जब भी जाएगी
    प्रेम रंग उड़ेंगे
    होली मनाई जाएगी
    हरे-लाल-पीले-
    नीले-गुलाबी रंगों से
    अंतरमन प्रीत की
    दीवार रंगी जाएगी |

    घृणा, अहम् -भावों के
    हिरण्यकश्यपों के बीच
    एक प्रहलाद की ही
    भक्ति याद आएगी
    तोड़ सारे पाप-बंध
    नाम हरि का लिए संग
    अनल गोद बैठ के
    आंच भी ना आएगी |

    एक प्रेम शाश्वत है
    सत्ता नहीं पाप की
    काल के भी गाल पर
    लाली लगाई जाएगी
    होलिकादहन में आज
    त्याग करें बुरे काज
    तभी शुद्ध मानवता
    फाग गीत गायेगी |

    नफरतों की होलिका
    जलाई जब भी जाएगी
    प्रेम रंग उड़ेंगे
    होली मनाई जाएगी |

    – आरती सिंह

  • हम वीरों की गाथा गायें – हिंदी कविता

    हम वीरों की गाथा गायें – हिंदी कविता

    हम वीरों की गाथा गायें – हिंदी कविता

    mahapurush

    हम वीरों की गाथा गायें
    उनको श्रद्धा सुमन चढायें

    भारत माँ के उन लालों की
    पुण्य विजयी गाथा हम गायें

    उन वीरों के चरण कमल पर
    आओ हम मंगल पुष्प चढायें

    जीवन था जिनका कुछ क्षण का
    पर छाप छोड़ गए अमिट
    मातृभूमि की रक्षा पर
    किये प्राण जिन्होंने अर्पण

    आओ हम वीरों की गाथा गायें
    उनको श्रद्धा सुमन चढ़ायें

    अनंत विजय का घोष किया
    मार्ग दिखाया देश प्रेम का

    मार्ग प्रशस्त किया जिन्होंने
    मातृभूमि पर न्योछावर का

    उन वीरों की विजयी गाथा को
    भावी पीढ़ी तक पहुंचायें

    लड़े अंत तक पूर्ण विजय तक
    पुष्ट किया आजादी को

    आओ हम वीरों की गाथा गायें
    उनको श्रद्धा सुमन चढ़ायें

    शत शत नमन हमारा उनको
    पुण्य किया जिन्होंने इस धरती को

    मातृभूमि की पुण्य संस्कृति
    विश्व जन तक हम पहुंचायें

    स्वदेशी का नारा देकर
    अहिंसा का सहारा लेकर

    सत्य मार्ग प्रशस्त कर
    जन जन को सत्य मार्ग पर लेकर आयें

    आओ हम वीरों की गाथा गायें
    उनको श्रद्धा सुमन चढ़ायें

    सत्याग्रह , सविनय अवज्ञा
    इन सबका महत्त्व बतायें

    भारत भूमि को हम
    विश्व मंच पर लेकर आयें

    उन वीरों के पुण्य त्याग को
    भावी पीढ़ी तक पहुंचायें

    विश्व विजयी तिरंगा प्यारा
    सब अपने – अपने घर पर फहरायें

    आओ हम वीरों की गाथा गायें
    उनको श्रद्धा सुमन चढ़ायें

    भारत माँ के उन लालों की
    पुण्य विजयी गाथा हम गायें

    – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम

  • वक़्त कभी नाकाम नहीं होता – हिंदी कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

    वक़्त कभी नाकाम नहीं होता – हिंदी कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

    घड़ी

    वक़्त कभी नाकाम नहीं होता
    दिल दरिया कभी वीरान नहीं होता

    जख्म खाए नहीं जिसने जमाने में
    सदियाँ लगीं उसे मुस्कराने में

    वक़्त का इन्तजार ना कर जालिम
    वक़्त किसी का इंतज़ार नहीं करता

    वक़्त को कैद कर अपना बना ले
    गया वक़्त दुबारा नहीं मिलता

    इतिहास लिख धरा पर
    वक़्त के माथे पर तिलक बन

    वक़्त की कद्र करना सीख ले तू
    वक़्त के आँचल में पलना सीख ले तू

    वक़्त का दामन जो तूने छोड़ा तो
    हर प्रयास तेरा नाकाम होगा

    वक़्त के साए में जीना सीख ले तू
    वक़्त के पालने में जीना सीख ले तू

    बना वक़्त को चिरपरिचित मित्र अपना
    वक़्त से सगा कोई मित्र नहीं होता