हमर का के नवा साल !/ राजकुमार ‘मसखरे’
*हमर का के नवा साल !* हमर का के नवा साल….उही दिन-बादर,उही हालहमर का के नवा साल…. बैंक म करजा ह माढ़े हेसाहूकार दुवारी म ठाढ़े हेये रोज गारी,तगादा देवत हेदिनों दिन हमर खस्ता हालहमर का के नवा साल…..! नेता मन नीति बनावत हेआनी- बानी के बतावत हेसब ल बने भरमा डारिनबस उँखरे गलत हे … Read more