बेटियां सिर्फ होती पराई हैं…?- संतोष नेमा “संतोष”
बेटियां सिर्फ होती पराई हैं दिल्लीहैदराबादऔऱउन्नाव..!!कहाँ हैबेटियों कासुरक्षितठाँव..??शहरदर शहरदरिंदगीबदस्तूरजारी है.!!घटनाओं कीखिलतीरोज नईएक पारी है..!!नेता अबनित नएबयानफेंकते हैं..!ऐसे मौकों पर भीराजनीतिकरोटियांसेंकते हैं..!!क्या यहीपरिदृश्यहै आज का..?हिंदुस्तानीसभ्य समाज का..!!कहाँ गएकानून केलंबे हाथ..?हम क्योंहो गएइतने अनाथ..??क्या हो गएहम इतनेकमजोर..?अपराधियों परनहीं चलताअब कोई जोर..??कब तलकबेटियाँ…