मातर तिहार पर कविता-गोकुल राम साहू

            मातर तिहार पर कविता चलना दीदी चलना भईया,मातर तिहार ला मनाबोन।बड़े फजर ले सुत उठ के,देवी देवता ला जगाबोन।। हुँगूर धूप अगर जलाके,देवी देवता ला मनाबोन।रिक्छिन दाई कंदइल मड़ई संग,मातर भाँठा मा जुरियाबोन।। मोहरी बाजा अउ रऊत संग,नाचत गावत सब जाबोन।मखना कोचई अउ दार चउँर,घरो-घर मा जोहारबोन।। कारी लक्ष्मी … Read more

कैसी दीवाली / विनोद सिल्ला

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कैसी दीवाली / विनोद सिल्ला कैसी दीवाली किसकी दीवालीजेब भी खाली बैंक भी खाली हर तरफ हुआ है धूंआ-धूंआपर्यावरण भी दूषित है हुआ जीव-जन्तु और पशु-पखेरआतिशी दहशत में हुए ढेर कितनों के ही घर बार जलेनिकला दीवाला हाथ मले अस्थमा रोगी तड़प रहे हैंउन्मादी अमन हड़प रहे हैं नकली मावा, नकली पनीरखाई मिठाई हो कर … Read more

मिल कर दिवाली को मनाएँ हम- प्रवीण त्रिपाठी

मिल कर दिवाली को मनाएँ हम चलो इस बार फिर मिल कर, दिवाली को मनाएँ हम।* *हमारा देश हो रोशन, दिये घर-घर जलाएँ हम।* *मिटायें सर्व तम जो भी, दिलों में है भरा कब से।* *करें उज्ज्वल विचारों को, खुरच कर कालिमा मन से।* *भरें नव तेल नव बाती, जगे उत्साह तन मन में।* *जतन … Read more

कवयित्री वर्षा जैन “प्रखर” आस का दीपक जलाये रखने की शिक्षा

आस का दीपक जलाये रखने की शिक्षा दीपावली की पावन बेलामहकी जूही, खिल गई बेलाधनवंतरि की रहे छायानिरोगी रहे हमारी कायारूप चतुर्दशी में निखरे ऐसेतन हो सुंदर मन भी सुधरे महालक्ष्मी की कृपा परस्परहम सब पर हरदम ही बरसेमाँ लक्ष्मी के वरद हस्त नेइतना सक्षम हमें किया हैदिल में सबके प्यार जगाएंअपनी खुशियाँ चलो बाँट … Read more

मन पर कविता -शशिकला कठोलिया

मन पर कविता रे मेरे मन ,ये तू क्या कर रहा है ,जो तेरा नहीं उसके लिए तू क्यों रो रहा है? दफन कर दे अपने सीने में, अरमानों को ,जो सागर की लहरों की तरह, हिलोरे ले रहा है ,यादों को आंखों में संजोकर रख, जो नदी की धारा की तरह ,बहे जा रहा है ,रे मेरे मन,मत पाल अरमान दिल … Read more