राधा की स्मृतियाँ
राधा की स्मृतियाँ रतजगे हैं हमने कई किये…प्रतीक्षा में तुम्हारी हे प्राणप्रिये !प्रति स्पन्दन संग नाम तुम्हाराहम राधे-राधे जपा किये ।।१।।वो यमुना-तट का तरु-तमालथा विरह-स्वर में देता तालस्मृति संग लय भी बंधती रहीमम छंदों की अनुमति लिये ।।२।।कभी सांसें हमारी, कभी बांसुरी…प्रतीक्षारत् सदा से नयन-पांखुरीस्मृतियाँ क्षण-क्षण रुलातीं-हँसातींतुम्हें कैसे बतायें ? हैं कैसे जीये ? ।।३।।न … Read more