"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
खप-खप मरता आमजन खप-खप मरता आमजन, मौज उड़ाते सेठ।शीतकाल में ठिठुरता, बहे पसीना जेठ।।खून-पसीना बह रहा, कर्मठ करता कार।परजीवी का ही चला, लाखों का व्यापार।।कमा-कमा कर रह गया, मजदूरों का…
शिव जी पर कविताशिवशंकर के चरणों में सब, नित-नित शीश नवाते हैं |नीलकंठ भोलेबाबा की, प्रतिपल महिमा गाते हैं ||दूध-नीर अरु बेलपत्र सब, शिव के शीश चढाते हैं |महादेव,गणनाथ, स्वरमयी,…
आज यहाँ निर्धन का भोजन, छीन रहा धनवान हैहड़प रहा क्यों राशन उनका, यह कैसा इंसान है।हमने देखा नंगे भूखे, राशन कार्ड बिना रहते हैंहाय व्यवस्था की कमजोरी, जिसको बेचारे…