by कविता बहार | Nov 5, 2023 | हिंदी कविता
बेचकर देखों मुझे जरा पूछने से पहले जवाब बना लिये।यार सवाल तो गजब़ बना लिये। किसी ने पूछा ही नहीं मैं जिंदा हूँ,मगर तुम हसीन ख्वाब बना लिये। और और,और कहते रहे गम को,लो आशुओं का हिसाब बना लिये। मेरी मिलकियत न रहीं वजूद मेरा,समाज से कहों कसाब बना लिये। सौ-सौ सवाल... by कविता बहार | Nov 5, 2023 | विविध छंदबद्ध काव्य
नाराच ( पंच चामर ) छंद : 24 मात्रा, ज र ज र ज गुरु । महान देश की ध्वजा पुनीत राष्ट्र गान है ।उठे सदा झुके नहीं अतीत गर्व प्राण है...
by कविता बहार | Nov 5, 2023 | विविध छंदबद्ध काव्य
मन में जो तू ठान ले / रामनाथ साहू ” ननकी ” मन में जो तू ठान ले ,कुछ भी करले मीत ।हौसला गिराना नहीं , होगी निश्चित जीत ।।चरण स्पर्श है बंदगी , कृपा करे सब संत ।मन के कल्मष मेट दे, करे सकल दुख अंत ।।लोगों यह तन कुंभ है ,भरा... by कविता बहार | Nov 5, 2023 | विविध छंदबद्ध काव्य
उठो सपूत ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला – ल ला उठो सपूत राष्ट्र के, जगा रही तुम्हें धरा।पुनः महान देश हो, विचार ये करो जरा।1प्रबुद्ध देशवासियों, न ढील दो लगाम को।बिना किसी विराम के, करो नवीन काम... by कविता बहार | Nov 5, 2023 | हिंदी कविता
जीवन की डगर कुछ तुम चलो,कुछ हम चलें,जीवन की डगर पर साथ चले।लक्ष्य को पाना है एक दिन,निशदिन समय के साथ चलें।सुख दु:ख के हम सब साथी,अपनत्व प्यार बाँटते चलें।अटल विश्वास हमारा मन में,मंज़िल की ओर हम बढ़ चलें।हिम्मत,परिश्रम और लगन से,अनेक बाधाओं के पार चलें।मोह माया के इस...