Category हिंदी कविता

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तू कदम बढाकर देख

•तू कदम बढाकर देख• मंजिल बुला रही है तू कदम बढाकर  देख खुशियाँ गुनगुना रही है तू गीत गाकर देख काँटे ही नहीं पथ में,फूल भी तुम्हें मिलेंगेपतझड़ का गम ना करना, गुलशन भी तो खिलेंगे बहारें बुला रहीं है,…

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के मुसाफिर हैं हम जीवन पथ केराहें सबकी अलग-अलगधूप-छांव पथ के साथी हैंमंज़िल की है सबको ललक। राही हैं संघर्ष शील सबदामन में प्यार हो चाहे कसकपीड़ा के शोलों में है कोईकोई पा जाता खुशियों…

हाइकु

स्वालंबन पर कविता

स्वालंबन पर कविता स्वालंबन है जीवन अवलंबनबिन स्वावलंब जीवन है बंधनस्वावलंबन ही है आत्मनिर्भरताबिन इसके जीवन दीप न जलता। स्वालंबन जग में पहचान कराताशिक्षा का सदुपयोग सिखातानिराशा में भी आशा भरताऊसर में भी प्रसून खिलाता। अपना दीपक स्वयं बनोस्वालंबन ही…

deepak

नई उम्मीदें पर कविता

नई उम्मीदें पर कविता मन में आशा के दीप जलाजीवन पथ पर बढ़ना है,उम्मीदें ही जीवन की पूंजीनया आसमान हमें पाना है। नई उम्मीदें संजीवनी जीवन कीसकारात्मक सोच जगाती हैंपथ प्रदर्शक है मनुज कीहौंसले बुलंद बनाती है। बिन उम्मीद मंजिल…

jivan doha

नयी सुबह पर कविता

नयी सुबह पर कविता जिम्मेदारीयों कोकंधो पर बिठाकरकुछ कुछ जरूरतें पूरी करताख्वाहिशो कोआलमारी में बंद करकेगम छुपाकरचेहरे पर एक खामोश हंसीलाता ..सच मे नही है कोई शिकनमेरे माथे पर..क्योंकिबे-हिसाब उम्मीदो सेभरे है जेब मेरे..और अनगिनत ख़्वाब भीदेखे थे पहले कभी..ओह !यह…

yogasan

अब तरूणों को आना होगा

अब तरूणों को आना होगा राष्ट्रवाद का अलख जगाने,अब तरूणों को आना होगा।भारत भू  की  रक्षा खातिर, रक्त बहाने आना होगा। आतंकी असुरों को हम, यूँ कब तक ऐसे झेलेंगे ….भस्मासुर सा नृत्य करा,उनका दिल दहलाना होगा। सोए देश के…

नया संसार बसायेंगे

नया संसार बसायेंगे आओ यह संकल्प करें नया संसार बसायेंगे ।स्वर्ग धरती  पर लायेंगे । जाति धर्म का भेद मिटाकर एकता  का रंग  भरें।हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई भाई भाई संग  फिरें ।मंदिर मस्जिद गुरू द्वारे परअलख जगायेंगे ।नया संसार बसायेंगे…

yog divas

अरुणोदय

अरुणोदय प्रतिदिन अरुणोदय हममें जगाती हैस्फूर्ति भोर का समयसुबह की लालिमासूर्य की किरणें पृथ्वी पर आती हैसुखद एहसास होता है वहठंड के मौसम में इंतजार होता हैसभी कोअरुणोदय कापक्षी सारे चहचहाकरअभिनंदन करते हैं वहीं गायें रंभा करइंसान, सूर्य नमस्कार सेअपने…

ज़िंदगी की राह/ निमाई प्रधान’क्षितिज

ज़िंदगी की राह/ निमाई प्रधान’क्षितिज~~~~•●•~~~~ ज़िंदगी की राह..जो तुम चल पड़े हो !देखना..झंझावतों कीभीड़ होगी ,आशियां टूटेगा..हरदम..हर गली में..फिर बसेरे की ज़रूरत-नीड़ होगी !! ज़िंदगी की राह..जो तुम चल पड़े हो!! संसृति का है नियम..ओ रे राही!चलते रहना है..आगे बढ़ते…