गुरू का गुणगान
गुरू पूर्णिमा पर कविता
गुरू पूर्णिमा पर कविता
मुहब्बत एक दीवानगी
पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बार फिर से पहले की तरह अपनी वसुंधरा पर हरियाली और प्राण वायु के लिए प्रदूषण रोकना होगा ।
आओ मिलकर कसम खाते है कि वृक्षारोपण जरूर करना है।
प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन पर गद्य लेख
बस एक पेड़ ही तो काटा है बस एक पेड़ ही तो उखाड़ा है साहब!अगर ऐसा न हो तो बस्तियां कैसे बसेगी?प्रगति,तरक्की,ख़ुशयाली कैसे आएगी? हमें आगे चलना है,पीछे नहीं रहना है,दुनिया के साथ चलकर आगे बढ़ना है।आगे बढ़ने की रफ्तार…
झुमका : प्यार के प्यार की निशानी आज मैंने अपने तोहफे का बॉक्स निकाला,जिसे बड़े सलीके से मैंने संभाल के रखा था,आदत कहूं या तोहफे के प्रति मेरा लगावमैंने अपना हर एक तोहफा संभाल के रखा है बड़े प्यार सेऔर…
प्रकृति संरक्षण मंत्र-अमिता गुप्ता प्रकृति हमारा पोषण करती,देकर सुंदर सानिध्य,जीवन पथ सुगम बनाती है,जीव-जंतु जगत की रक्षा को,निज सर्वस्व लुटाती है। आधुनिकीकरण के दौर में,अंधाधुंध कटाई कर,जंगलों का दोहन क्षरण किया,खग, विहंग, पशु कीटों का,घर-आंगन आश्रय छीन लिया। प्रदूषण स्तर…
5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में
हमें जमीं से मत उखाड़ो रो-रोकर पुकार रहा हूं हमें जमीं से मत उखाड़ो।रक्तस्राव से भीग गया हूं मैं कुल्हाड़ी अब मत मारो। आसमां के बादल से पूछो मुझको कैसे पाला है।हर मौसम में सींचा हमको मिट्टी-करकट झाड़ा है। उन…
मत करो प्रकृति से खिलवाड़ मत काटो तुम ये पहाड़,मत बनाओ धरती को बीहाड़।मत करो प्रकृति से खिलवाड़,मत करो नियति से बिगाड़।।1।। जब अपने पर ये आएगी,त्राहि-त्राहि मच जाएगी।कुछ सूझ समझ न आएगी,ऐसी विपदाएं आएंगी ।।2।। भूस्खलन और बाढ़ का…