नाग पंचमी पर कविता – अमृता प्रीतम

नाग पंचमी पर कविता – अमृता प्रीतम कविता संग्रह मेरा बदन एक पुराना पेड़ है…और तेरा इश्क़ नागवंशी –युगों से मेरे पेड़ कीएक खोह में रहता है। नागों का बसेरा ही पेड़ों का सच हैनहीं तो ये टहनियाँ और बौर-पत्ते –देह का बिखराव होता है… यूँ तो बिखराव भी...

असाध्य वीणा – अज्ञेय की कविता

असाध्य वीणा अज्ञेय जी की एक लम्बी कविता है। इस कविता की रचना उन्होंने सनˎ1957-58 के जापान प्रवास के बाद 18-20 जून 1961 में अल्मोड़ा के कॉटेज में 321 पंक्ति वाली यह लंबी कविता लिखी थी। यह कविता उनके काव्य संग्रह ‘आँगन के पार द्वार’ में संकलित है, जो 1961 में ही...

वह शक्ति हमें दो दयानिधे

वह शक्ति हमें दो दयानिधे कविता संग्रह वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें l पर सेवा पर उपकार में हम, जगजीवन सफल बना जावें ll हम दीन दुखी निबलों विकलों, के सेवक बन संताप हरें l जो हैं अटके भूले भटके, उनको तारे खुद तर जावें ll वह शक्ति हमें दो दयानिधे,...

तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो

तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो कविता संग्रह तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम ही बंधू , सखा तुम्ही हो तुम्ही हो साथी तुम ही सहारे कोई न अपना सिवाए तुम्हारे तुम्ही हो नैया तुम्ही खिवैया तुम ही हो बंधू सखा तुम्ही हो … जो खिल सके न वो फूल हम हैं तुम्हारे चरणों की...

जीवन विद्या प्रार्थना

जीवन विद्या प्रार्थना कविता संग्रह वन्दना उनकी करें, जिनसे सुशोभित है धरा ।जिनसे है मानव का पथ, प्रकाश ज्योति से भरा ।।जिनसे दिशा हमको मिली, नित मानवीय मार्ग की ।पथ मिला निश्चित हमें थी, कामना जिस मार्ग की ।कृतज्ञता से सौम्यता की, नित्य आयी निरन्तरा ।जिनसे है मानव का...

तू प्यार का सागर है (Tu Pyar Ka Sagar Hai)

तू प्यार का सागर है (Tu Pyar Ka Sagar Hai) sarv-dharm-prarthna तू प्यार का सागर है,तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।लौटा जो दिया तूने,चले जायेंगे जहां से हम ।तू प्यार का सागर है..॥ घायल मन का पागल पंछी,उड़ने को बेकरार ।पंख हैं कोमल, आँख है धुंदली,जाना है सागर पार ।अब तू ही...