हसदेव बचाव अभियान पर कविता
हसदेव को बचाना है
पेड़ काटोगे तो हवा घटेगी,जल हो जायेगा गुम,
मानव तेरे पतन का,चहूंँ ओर होगा धूम ही धूम।
कहीं लुप्त हो जाएगा,यह प्रकृति का सुंदर चित्र,
मनुष्य मारे पैर में कुल्हाड़ी,यह कार्य है विचित्र।
वक्त की यही है आवाज,विश्व को भी बताना है,
जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है।
ऐश्वर्य पूर्ण जीवन में,माटी-पुत्र कहीं खो गया,
वन को काट कर, ‘इमारती पलंग’ में सो गया।
पुछता है ‘अकिल’,क्या कोयला ही खजाना है?
जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है।
यकीनन वनांचल के लोगों का,पहचान है वन,
पेड़ से मिले शुद्ध वायु,स्वस्थ होता है तन-मन।
जंगल की शान है,जीव-जंतुओं का हलचल,
वन से लोगों को मिलता है,रोजगार हर-पल।
जान कर भी अंजान है,देखो कैसा जमाना है?
जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है।
विद्युत तो और भी तरीके से बन जाएगा,
लेकिन यह अनमोल पेड़,कौन बनाएगा?
शुद्ध हवा के अभाव में,हर जीव मर जाएगा,
इंसान के अभाव में,पृथ्वी को कौन बचाएगा?
युवा शक्ति की आवाज है,हर पेड़ को बचाना है,
जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है।
छ.ग.हो रहा है तबाह,कृपया इसे बचाईए,
हसदेव की रक्षा के लिए,सभी आगे आईए।
है निवेदन,सभी जगह मे आंदोलन छेड़ दो,
‘हसदेव’ के विरूद्ध,हर कदम को खदेड़ दो।
प्रकृति है हमारी पहचान,बस यही समझाना है,
जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है।
वक्त रहते,वक्त का किजीए सम्मान
हसदेव है धरोहर,हसदेव है पहचान।
अब नहीं तो,कब तो सुधरेगा इंसान?
‘हसदेव’ मुहिम का संभालिए कमान,
उठकर देखिए गौर से,साथ मे संपूर्ण जमाना है,
जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है।
#SaveHasdeo
#StandWithAdivasis
अकिल खान,जिला – रायगढ़ (छ.ग.).