प्रेरणा दायक कविता – हम स्वदेश के सपूत

कविता बहार के प्रेरणा दायक कविता में से एक कविता –

struggle

हम स्वदेश के सपूत


हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चले।


हाथ में अंगार, है हर चरण पहाड़ है।
हम बढ़े जिधर उधर आँधियाँ ही बढ़ चलें।
हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चलें।


मातृभूमि तू न डर, धीर धर विश्वास धर।
शत्रु शीश बीनती है, यह दुधार जब चलें।
हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चलें।


है यहाँ कलह न द्वेष, एक प्राण है स्वदेश,
जय हमारे हाथ में है, हम सभी विचार लें।
हम स्वदेश के सपूत, आज पग बढ़ा चलें।

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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  1. वंशिका यादव अनुष्का (अनू)

    🇧🇴🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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