जब विपदा आ जाए सम्मुख जिसका साथ निभातीं परियाँ, मनचाहा सुख पाता हैजब विपदा आ जाए सम्मुख, कोई नहीं बचाता है।क्या है उचित और क्या अनुचित, बनी न इसकी परिभाषादुविधा…
नया अब साल है आयानया अब साल है आया, रहे इंसानियत कायममुहब्बत के चिरागाँ इसलिए हमने जलाए हैं।सुकूने बेकराँ मिलती, अगर पुरशिस यहाँ पे होन हो वारफ़्तगी कोई, दिले मुज्तर…
पीर दिलों की मिटायें पीर दिलों की मिटायें, चलो एक ऐसा नया जहां बसायेंपीर दिलों की मिटायें, चलो एक ऐसा नया जहां बसायें lपलती हों जहां खुशियाँ, चलो एक ऐसा…
रंग इन्द्रधनुष ..... धरती का हरापन सदा से बुलाते रहे मुझेमैं उसके आँचल में दूब बनकर पसर गया ,नीला विस्तृत आकाश हुर्र बुलाता रहा मुझेमैं उसमें घुसकर नीलकंठ हो गया…
सादगी पर सायरी सादगी की सुरत सुहानी बनावट की बातों का काम नहीं है। सादगी की खुबसूरत जवानी बेतहासा सजावट का काम नहीं है। सादगी की जरूरत जिसने जानी अधिक…
लातन को जो भूत हियन पै पर कविताजिसके मन मै ऐंठ भरै बौ, अपने आगे किसकौ गिनिहैलातन को जो भूत हियन पै,बातन से बौ नाहीं मनिहै।अंधो बाँटै आज रिबड़ियाँ, अपनिन…
नवनिर्माण पर कवितापत्थरों और ईंटों मेंहुआ मुकाबलामची होड़एक-दूसरे कोमुंहतोड़ जवाब देने कीपत्थर से ईंटईंट से पत्थर खूब टकराएटूटी ईंटेंक्षतिग्रस्त हुए पत्थर हो जाता मुकाबलादोनों मेंकौन करेगासुंदर नवनिर्माण तब मुकाबले के…
चोर- चोर मौसेरे भइयाअंधिन के आगे जो रोबैं,बे अपने नैनन कौ खोबैंचोर -चोर मौसेरे भइया,बे काहू के सगे न होबैं।कच्ची टूटै आज गाँव मै,ठर्रा केते पियैं लफंगापुलिस संग मैं उनके…