पीर दिलों की मिटायें

पीर दिलों की मिटायें

पीर दिलों की मिटायें, चलो एक ऐसा नया जहां बसायें
पीर दिलों की मिटायें, चलो एक ऐसा नया जहां बसायें l
पलती हों जहां खुशियाँ, चलो एक ऐसा आशियाँ सजाएँ ll

हर एक चहरे पर हो मुस्कान, ना हो ग़मों का कोई निशान l
फेहरे जहां संस्कृति, संस्कारों का परचम, चलो एक ऐसा उपवन सजाएँ ll

जहां ना हो कोई कुटिल राजनीति का शिकार, ना ही अंधभक्ति सिर चढ़कर बोले l
सादा हो जीवन, सदविचारों से पुष्पित, चलो एक ऐसा गुलशन सजाएँ ll

जहां ना हो कोई नवजात, कूड़े के ढेर का हिस्सा l
चलो मातृत्व के वात्सल्य से पोषित एक खूबसूरत जहां बसायें ll

भाई को भाई से हो मुहब्बत, रिश्तों में पावनता झलके l
चलो पारिवारिक संस्कृति और संस्कारों का परचम लहरायें ll

हो चहरों पर मुस्कान, दिलों में ना गिला शिकवा हो l
चलो आपसी मुहब्बत से रोशन एक आशियाँ सजाएँ ll

जहां राम ना रहीम को लेकर हो वैमनस्य मन में l
चलो राम और रहीम की पावन छवि से अपना आशियाँ सजाएँ ll

एक ऐसा जहां ना पलती हो राजनीति, ना हो धर्म पर अंधविश्वास l
अपनी इस धरा को, उपवन को एक खूबसूरत उपवन बनाएं ll

पीर दिलों की मिटायें, चलो एक ऐसा नया जहां बसायें l
पलती हों जहां खुशियाँ, चलो ऐसा आशियाँ सजाएँ ll

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

This Post Has One Comment

  1. Shivam

    बहुत ही बढ़िया सर जी

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