संस्कारों की करते खेती

संस्कारों की करते खेती बीज रोप दे बंजर में कुछ,यूँ कोई होंश नहीं खोता।जन्म जात बातें जन सीखे,वस्त्र कुल्हाड़ी से कब धोता।संस्कृति अपनी गौरवशाली,संस्कारों की करते खेती।क्यों हम उनकी नकल…

एक खनकता गीत मेरा

एक खनकता गीत मेरा कविता संग्रह पास बैठो और सुनो बसएक खनकता गीत मेरा।।जीवन समर बहुत है मुश्किल,बाधाओं की हाट लगी है।दुनिया रंग बिरंगी लेकिन,होती देखी नहीं सगी है।इसीलिए गाता…

मुझको गीत सिखा देना

मुझको गीत सिखा देना कोयल जैसी बोली वाले,मुझको गीत सिखा देना।शब्द शब्द को कैसे ढूँढू,कैसे भाव सँजोने हैं।कैसे बोल अंतरा रखना,मुखड़े सभी सलोने हैं।शब्द मात्रिका भाव तान लय,आशय मीत सिखा…

तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ

तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ shadi मन में शुभ भाव उमड़ते हों,तब मैं भी चाहूँ,प्यार करूँ।जब रिमझिम वर्षा आती हों,ज्यों गीता ज्ञान सुनाती हो।खिड़की से तान मिलाती हो,मुझको मानो…

सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन

सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन।याद रहेगा      इस जग      को,कण-कण घुलना सौरभ बन-बन। कितने अलियों ने अभिसिक्त किया,मधुर समीरण  सहलाया  दुलराया।देकर मिलता है           जग    में,मरकर   अमरता…

उसे रूह में समाया है

रूह में समाया है माना के उसके जिस्म को भी मैंने चाहा हैमगर उस से ज्यादा उसे रूह में समाया है l ये सावन उसको भुलाने नहीं देता मुझकोबारिश में…