महात्मा गांधी जी पर कविता
निडरता थी शान उनकी,
निडरता थी पहचान ।
ब्रम्हचर्य का जीवन जीयो ,
करना है सम्मान ।।
सत्य बोलना ,चोरी न करना,
यही है उनका मान।
एकता ही है नाम उनका,
एकता ही है पहचान ।।
अहिंसा के पथ पर चलें,
और लड़े अंग्रेजो से।
देश की आजादी के लिए,
न डरे किसी से ।।
विदेशी वस्तुओ को त्यागा ,
और स्वदेशी अपनाया दिल से।
स्वालंबी रहे और,
सबके साथ रहे प्रेम से ।।
ये कोई और नहीं,
इन्हें जाना जाता है,
हमारे बापू के नाम से ।।
~ रबिना विश्वकरमा