नन्हें मेहमान पर कविता

नन्हें मेहमान पर कविता

मुंडेर पर रखे
पानी के कुंडे को
देख रहा था मैं
होकर आशंकित
मन में उठे प्रश्न
कोई पक्षी
आता है या नहीँ
पानी पीने
तभी मुंडेर पर
देखी मैंने
पक्षियों की बीठें
मन को हुई तसल्ली
कि आते हैं
नन्हे मेहमान
मेरी मुंडेर पर

-विनोद सिल्ला©

दिवस आधारित कविता