नये तराने – माधुरी मुस्कान ग़ज़ल

नये तराने – माधुरी मुस्कान ग़ज़ल करीब आओ न दूर जाओ मुझे गले से सनम लगा लो।न जी सकेंगे न मर सकेंगे जहाँ भी हो तुम हमे बुला लो ।। अभी अभी तो बहार देखी नये तराने मचल रहे हैंअभी उजालों ने आँख खोली चलो न खुशियों को भी मना लो । मुझे नज़र से … Read more

अहिंसा दिवस पर कविता

mahatma gandhi

अहिंसा दिवस पर कविता: अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। अहिंसा दिवस पर कविता साबरमती के संत तुझे लाख बार प्रणाम है साबरमती के संत तुझे, लाख बार प्रणाम हैअहिंसा के पुजारी तुझे,लाख बार प्रणाम हैस्वतन्त्रा की राह हो या, सत्यता की … Read more

विश्वास के पुल – सन्त राम सलाम

विश्वास के पुल उफनती नदी में उमड़ता सैलाब, पुलिया के नीचे पानी गहरा है।बीच मझधार में फँसा है जीवन, विश्वास के पुलिया पर ठहरा है।। जीवन मृत्यु दो छोर जीवन के, जहाँ पर पाँच तत्वों का पहरा है।सजग हवा सोते हैं साँसों पर, तब तब ही यह जीवन कहरा है।। धूप और छाँव में बीतता … Read more

खुद से वादा – सुशी सक्सेना

खुद से वादा साहिब, खुद से भी एक वादा करना है।मंजिल तक पहुंचने का इरादा करना है।नित नए संघर्ष होंगे, जीवन के पथ पर,मगर सवार हो कर, उत्साह के रथ पर।कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम जमीं पर हो, और आसमां पर नजर रखना।मुश्किलें सर झुका दें, तेरे कदमों पर,नित नए … Read more

शीतल छाया दे रहे – विनोद सिल्ला

शीतल छाया दे रहे शीतल छाया दे रहे, परउपकारी पेड़। हरे पेड़ को काट कर, कुदरत को ना छेड़।। पेड़ दे रहे औषधी, ले के रहो निरोग।पेड़ लगाने चाहिए, काट रहे हैं लोग।। पालन पोषण कर रहे, देकर के फल फूल। पेड़ लगा उपकार कर, पींग डाल कर झूल।। पेड़ सलामत जब तलक, सोओ लंबी … Read more