स्वच्छता और मैं – नीता देशमुख

स्वच्छता और मैं कविता स्वच्छता और मैं जो कि नीता देशमुख द्वारा रचित है जो हमें स्वच्छता अपनाने को प्रेरित कर रही है। चारों और फैला एक आवरणसभी का है वह पर्यावरण।चहुँ ओर हरितिमा की चादरसरोवर झीले व सुन्दर नहर।उपहार अनमोल दिए प्रकृति नेविकृत कर दिए उन्हें मानव ने।जन जन...

मौत की आदत – नरेंद्र कुमार कुलमित्र

मौत की आदत – नरेंद्र कुमार कुलमित्र सुबह-सुबह पड़ोस के एक नौजवान की मौत की खबर सुनाएक बार फिरअपनों की तमाम मौतें ताजा हो गईअपनी आंखों से जितनी मौतें देखी है मैंनेनिष्ठुर मौत पल भर में आती है चली जाती हैहम दहाड़ मार मार कर रोते रहते हैंएक दूसरे को ढांढस बंधाते...

अहिल्या (खण्डकाव्य)- सुकमोती चौहान रुचि

अहल्या अथवा अहिल्या सनातन धर्म की कथाओं में वर्णित एक स्त्री पात्र हैं, जो गौतम ऋषि की पत्नी थीं। कथाओं के अनुसार यह गौतम ऋषि की पत्नी और ब्रह्माजी की मानसपुत्री थी। अहिल्या (खण्डकाव्य)- सुकमोती चौहान रुचि सघन वनों के बीच , बना इक आश्रम अनुपम ।चहक रहे खगवृंद , क्षेत्र...

हाँ मैं भारत हूँ -रामनाथ साहू”ननकी”

हाँ मैं भारत हूँ -रामनाथ साहू”ननकी” आधार — *थेथी छंद* ( मात्रिक ) आदि त्रिकल (14/10 ) , पदांत – 112 मृत्यु तथा जीवन का सुख ,सर्व सदाकत हूँ ।अरब वर्ष से शुभचिंतक , हाँ मैं भारत हूँ ।।सभी उपनिषद् विश्लेषक , सद्गुरु ईश्वर के ।प्रश्न अनूठी जिज्ञासा...

कवि बन जाता है… – अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी”

कवि बन जाता है… कविता को भान कर, सच झूठ जान कर,रचना समझ कर , कवि बन जाता है…घटा और बादलों को,मेघ संग वादलों को,अंधेरे को चीर कर , कवि बन जाता है…छंद कई पढ़ता है, प्रेम गीत गढ़ता है,तब वो रत्नाकर, कवि बन जाता है…कविता में ओज भर, युवाओं में जोश...