बेरोजगार पर दोहे
पढ़-पढ़ पोथी हो गए, सभी परीक्षा पास।
रोजगार मिलता नहीं, टूटी जीवन आस।।
उपाधियां तो मिल गई, नहीं मिला है काम।
मिल तो जाती नौकरी, दे पाते गर दाम।।
बेकारी सबसे बुरी, हर लेती है मान।
सारा जीवन व्यर्थ सा, रहे कष्ट में जान।।
रोजगार देंगे तुझे, वादे करते रोज।
मतपेटी लेते भरा, करते हैं फिर मौज।।
आवेदन कर थक गया, चढ़े नहीं परवान।
सत्ता से पटती नहीं, बिखर गए अरमान।।
रोजगार सबको मिले, उन्नत होए देश।
अमन चैन उल्लास हो, कमी नहीं हो लेश।।
सिल्ला भी है कहरहा, सुन विनती सरकार।
रोजगार दे दीजिए, महके हर परिवार।।
–विनोद सिल्ला