गगनांगना छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें
गगनांगना छंद [सम मात्रिक] विधान – 25 मात्रा, 16,9 पर यति, चरणान्त में 212 या गालगा l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l उदाहरण : कब आओगी फिर, आँगन की, तुलसी बूझती, किस-किस को कैसे समझाऊँ, युक्ति न…
गगनांगना छंद [सम मात्रिक] विधान – 25 मात्रा, 16,9 पर यति, चरणान्त में 212 या गालगा l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l उदाहरण : कब आओगी फिर, आँगन की, तुलसी बूझती, किस-किस को कैसे समझाऊँ, युक्ति न…
रोला छंद [सम मात्रिक] विधान – 24 मात्रा, 11,13 पर यति, यति से पहले वाचिक भार 21 या गाल (अपवाद स्वरुप 122 या लगागा भी) और यति के बाद वाचिक भार 12 लगा या 21 गाल l कुल चार चरण,…
मनीभाई नवरत्न की हिंदी कवितायें मनीभाई नवरत्न के कविता मौत मौत क्या है ?जलती लौ का बुझ जाना।या राख हो मिट्टी में मिलना । बड़ी भयानक है ना मौत ?यह सोच ही रूह कांप उठती,कि सभी को न्योता मिलेगामौत का…
साल आता रहा दिन गुजरता रहा साल आता रहा दिन गुजरता रहाचाँद लाचार होकर पिघलता रहा।।उनको रोटी मिली ना रही आबरुवो तो रुपये की सूरत बदलता रहा।। दूर मुझसे रहे खाई गहरी रहीवक़्त मुझसे मुझी में सिमटता रहा।।पांच वर्षों में…
निश्चल छंद [सम मात्रिक] विधान – 23 मात्रा, 16,7 पर यति, चरणान्त में 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l उदाहरण :बीमारी में चाहे जितना, सह लो क्लेश,पर रिश्ते-नाते में देना, मत सन्देश lआकर बतियायें,…