क्या यही है “आस्था – शशि मित्तल “अमर”

आस्था धूम मची है,जय माता की… मंदिरों, पंडालों में, लगी है भीड़ भक्तों की.. क्या यही है “आस्था “? मन सशंकित है मेरा, वृद्धाश्रम में दिखती माताएँ… जो जनती हैं एक “वजूद”रचती हैं सृष्टि… थक जाती हैं तब, निकाल दी…

चैत्र मास संवत्सर / परमानंददास

चैत्र मास संवत्सर परिवा बरस प्रवेस भयो है आज।कुंज महल बैठे पिय प्यारी लालन पहरे नौतन साज॥१॥आपुही कुसुम हार गुहि लीने क्रीडा करत लाल मन भावत।बीरी देत दास परमानंद हरखि निरखि जस गावत॥२॥ Post Views: 44

राजाओं का राजस्थान – अकिल खान

राजाओं का राजस्थान वीरों का जमी,रजवाड़ों का है यह घर,उंचे-लंबे महल है,आकर्षित करे सरोवर।राजपूतों और भीलों का,है ये सुंदर धरती,हिन्द की संस्कृति,देखने को यह पुकारती।जन्म लिए वीर योद्धा,और वीरांगना-महान,है अदम्य अनोखा,राजाओं का राजस्थान। अरावली की सुंदरता,बखान करती है बयार,कुछ सूप्त…

मनीभाई नवरत्न की १० कवितायेँ

हाय रे! मेरे गाँवों का देश -मनीभाई नवरत्न हाय रे ! मेरे गांवों का देश ।बदल गया तेरा वेश। सूख गई कुओं की मीठी जल ।प्यासी हो गई हमारी भूतल ।थम गई पनिहारों की हलचल ।क्या यही था विकास का…

राजस्थान दिवस कविता – बाताँ राजस्थान री

राजस्थान दिवस कविता : प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को हम राजस्थान की अमर गाथा का अपनी सुनहरी यादों में समरण कर इसे राजस्थान दिवस के रूप में मानते है। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की परम्परा आज भी राजस्थान…