राजस्थान दिवस कविता – बाताँ राजस्थान री

राजस्थान दिवस कविता : प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को हम राजस्थान की अमर गाथा का अपनी सुनहरी यादों में समरण कर इसे राजस्थान दिवस के रूप में मानते है। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की परम्परा आज भी राजस्थान में कायम है। 30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय … Read more

सामाजिक विषमता पर कविता- पद्म मुख पंडा

सामाजिक विषमता पर कविता- बही बयार कुछ ऐसी जूझ रहे जीने के खातिर,पल पल की आहट सुनकर,घोर यंत्रणा नित्य झेलते,मृत्यु देवता की धुन पर।सुख हो स्वप्न, हंसी पागलपन,और सड़क पर जिसका घर,किस हेतु वह भय पाले,जब मृत्यु बोध हो जीवन भर? जो कंगाल वही भिक्षुक हो,ऐसा नियम नहीं कोई,जो धनवान, वही दाता हो,होता नहीं, सही … Read more

विश्व रंगमंच दिवस पर प्रियदर्शन की कविता

World Theatre Day: विश्व रंगमंच दिवस हर साल 27 मार्च को मनाया जाता है. विश्व रंगमंच दिवस उत्सव एक ऐसा दिन है जो रंगमंच को समर्पित है. विश्व रंगमंच दिवस पर प्रियदर्शन की कविता कुर्सियां लग चुकी हैंप्रकाश व्यवस्था संपूर्ण हैमाइक हो चुके हैं टेस्टअब एक-एक फुसफुसाहट पहुंचती है प्रेक्षागृह के कोने-कोने में तैयार है … Read more

प्रकृति विषय पर दोहे

doha sangrah

प्रकृति विषय पर दोहे सूरज की लाली करें,इस जग का आलोक।तन मन में ऊर्जा भरे,हरे हृदय का शोक।। ओस मोतियन बूँद ने,छटा बनाकर धन्य।तृण-तृण में शोभित हुई,जैसे द्रव्य अनन्य।। डाल-डाल में तेज है, पात-पात में ओज।शुद्ध पवन पाता जगत,हरियाली में रोज।। उड़कर धुंध प्रभात में,भू पर शीत बिखेर।पुण्य मनोरम दृश्य से,लिया जगत को घेर।। झूम … Read more

कर्म पर हिंदी में कविता

श्रृंगार छन्द में एक प्रयास सादर समीक्षार्थ कर्म पर हिंदी में कविता कर्म का सभी करेंआह्वान।कृष्ण का ये है गीता ज्ञान।कर्मबिन होतभाग्य से हीन।सृष्टि में होत वही है दीन।। कर्म जो करे सदा निष्काम।पाय वह शांति औरआराम।आत्म मेंही स्थित हो हरप्राण।ब्रह्म में पा लेता है त्राण।। सृष्टि में रहता जो आसक्त।भोग में लिप्त रहे हर … Read more