चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई

चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई चुन्नु मुन्नु दोनों भाई,रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।चुन्नू बोला मैं भी लूँगामुन्नू बोला मैं भी लूँगा।इतने में ही दीदी आई,दीदी ने दो चपत लगाई।ऐसा झगड़ा कभी करना,दोनों मिलकर प्रेम से रहना। Post Views: 63

शानदार बाल कवितायेँ

शानदार बाल कवितायेँ ताता थैयामोड़ा नाचे, हाथी नाचे, नाचे सोन चिरैया।किलक-किलक कर बंदर नाचे, ताता-ताता देया॥ठुमक ठुमक कर खरहा नाचे, ऊँट, मेमना गया।आ पहुँचा जब शेर नाचने, मची हाय रे दैया Post Views: 41

jivan doha

जब भी कभी हम खुले आसमाँ बैठते है/दीपक राज़

जब भी कभी हम खुले आसमाँ बैठते है /दीपक राज़ जब भी कभी हम खुले आसमाँ बैठते हैज़मीं से भी होती है ताल्लुक़ात जहाँ बैठते है ये जो फूल खिल रहे है ये जो भौंरे उड़ते हैंअच्छा लगता है जब…