मोची पर कविता – आशीष कुमार

प्रस्तुत हिंदी कविता “मोची” के रचयिता आशीष कुमार (मोहनिया, बिहार) हैं. इस कविता को “मोची” के जीवन को आधार मानकर रचा गया है.

बूढी दिल्ली पर कविता

दिल्ली देश की राजधानी है जहा राजनितिक हलचल का केंद्र रही है है एक कटाक्ष है दिल्ली के ऊपर / दिल्ली ने हमें क्या दिया और दिल्ली के दिल में क्या है /

एक कदम चल -डी कुमार अजस्र(अमात्रिक काव्य)

हिंदी काव्य में नवीन विधि और प्रयोग के रूप में सृजित स्वरचित प्रेरणादायक अमात्रिक काव्य रचना –एक कदम चल…

क्या भला रह जायेगा

इस ग़ज़ल के माध्यम से संसार की भंगुरता और अस्थिरता की बात की जा रही है।अपने कर्तव्ययों का निष्ठापूर्वक निर्वहण करके गीता के आप्त वचनों को अंगीकार करने एवं सवेदनशील रहने की बात की गई है।