आओ खेल खेलें- 29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस
29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस. ————— आओ खेल खेलें—————– खेल है मानव जीवन का अभिन्न अंग,खेल से छाई जीवन में खुशहाली का रंग।खेल है अनमोल उपहार यह सब को बोलें,जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें। कोई खेले हॉकी…
29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस. ————— आओ खेल खेलें—————– खेल है मानव जीवन का अभिन्न अंग,खेल से छाई जीवन में खुशहाली का रंग।खेल है अनमोल उपहार यह सब को बोलें,जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें। कोई खेले हॉकी…
माँ के आँचल में सो जाऊँ (१६ मात्रिक) आज नहीं है, मन पढ़ने का,मानस नहीं गीत,लिखने का।मन विद्रोही, निर्मम दुनिया,मन की पीड़ा, किसे बताऊँ,माँ के आँचल में, सो जाऊँ। मन में यूँ तूफान मचलते,घट मे सागर भरे छलकते।मन के छाले…
दोषी पर कविता ( १६,१४ ताटंक छंद ) सामाजिक ताने बाने में,पिसती सदा बेटियाँ क्यों?हे परमेश्वर कारण क्या है,लुटती सदा बेटियाँ क्यों? मात पिता पद पूज्य बने हैं,सुत को सीख सिखाते क्या?जिनके सुत मर्यादा भूले,पथ कर्तव्य बताते क्या? दोष तनय…
जन चरित्र की शक्ति भू पर विपदा आजठनी है भारी।संकट में है विश्वप्रजा अब सारी।। चिंतित हैं हर देशविदेशी जन सेचाहे सब एकांतबचें तन तन सेघातक है यह रोगडरे नर नारी।भू पर ……….।। तोड़ो इसका चक्रसभी यों कहतेघर के अंदर…
बादल पर कविता बादल घन हरजाई पागल,सुनते होते तन मन घायल।कहीं मेघ जल गरज बरसते,कहीं बजे वर्षा की पायल।इस माया का पार न पाऊँ,क्यों बादल बिरुदावलि गाऊँ। मैं मेघों का भाट नहीं जो,ठकुर सुहाती बात सुनाऊँ।नही अदावत रखता घन से,बे…