आओ खेल खेलें- 29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस

kavita

29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस.



————— आओ खेल खेलें—————–

खेल है मानव जीवन का अभिन्न अंग,
खेल से छाई जीवन में खुशहाली का रंग।
खेल है अनमोल उपहार यह सब को बोलें,
जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें।

कोई खेले हॉकी क्रिकेट तो कोई कबड्डी,
शरीर हो जाए स्वस्थ और मजबूत- हड्डी।
आलसी – जीवन और खेल दोनों को तोले,
जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें।

कोई बना ध्यानचंद तो कोई तेंदुलकर महान,
हिंद का नाम ऊंचा किया हैरान है सारा जहान।
जीवन में पढ़ाई के साथ खेल का है योगदान,
खेल में भी लोगों ने बनाई खुद का पहचान।
जो कल करना है आज वह काम को करलें,
जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें।

खेल भावना लाए मानव में शिष्टाचार,
खिलाड़ी करें एक दूसरे से सद्व्यवहार।
हार – जीत तो खेल का है एक अभिन्न भाग,
खेल सिखाएं सहिष्णुता और एकता का राग।
आपसी द्वेष को भूल खिलाड़ी मिलते हैं गले,
जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें।

खेल में है प्रेम- एकता का सुगंध,
सभी देशों से बनाएं मित्रता संबंध।
खेल ने दिखा दिया ना कोई गरीब- अमीर,
खेल से फैले शांति और शुद्ध होता जमीर,
सभी लोग खेल की भावना हृदय में भरलें,
जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें।

ओलंपिक में हिन्द को मिला स्वर्ण कांस्य रजत,
नीरज- मीरा कई भारतीयों ने दिलाए हैं पदक।
खेल- भावना की ज्ञान को तत्परता से हरलें,
जीवन के उद्धार के लिए, आओ खेल खेलें।


अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ. ग.) पिन – 496440.

Comments

  1. Jitendra Kumar

    Very nice khan sir
    Apki kavita me ek prena milti hai
    Bahut badia sir ji

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