पिरामिड रचना (शबरी ) -साधना मिश्रा
पिरामिड रचना (शबरी ) हैं,बेर,नहीं ये;स्नेह नीर,अश्रु- बिंदु हैं;समर्पित तुम्हें,हे श्री रघुनन्दन! दी,ज्ञान,गुरु ने,परिचय,पाया पावन;तृषित पिपासा,पाऊं तेरा दर्शन!यूं,झुकी,कमर,विरहिणी;अंतर तम,आतुर मिलन,हे श्यामल बदन! ये,देखो,थकित,विगलित,अविचलित;चिर प्रतिक्षित,अपलक नयन! की,मैंने,करुण,प्रतीक्षा है;अब तो आओ,निष्ठुर बनो न,हे, स्नेह सदन! दो,रज,चरण,सुचि कणकृपा सुमन;मेरे मस्तक हो,हे, पतित पावन! साधना मिश्रा, रायगढ़- छत्तीसगढ़