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बेटी पर दोहा छंद

बेटी पर दोहा छंद बेटी सृष्टि प्रसारणी , जग माया विस्वास।धरती पर अमरित रची, काया श्वाँसो श्वाँस।।.बेटी जग दातार भी ,यही जगत आधार।जग की सेतु समुद्र ये, जन मन देवा धार।।.बेटी गुण की खान है, त्याग मान बलिदान।राज धर्म तन…

सावन में भक्ति

सावन की रिमझिम फुहार के बीच संख व डमरू की आवाज मन की जड़ता को हिला देती है। एक नवीन प्रेरणा
अन्तर्मन को ऊर्जान्वित करने लगती है।
प्रकृति प्रेम सबसे बड़ी ईश्वर सेवा है।