श्रम का अर्थ मेहनत है। और जो मेहनत कर जिन शिख गया है वह इस संसार में अपना जीवन यापन आराम से कर सकता है इस आधिनुक युग में बिना मेहनत के कुछ नहीं होता इसी मेहनत पर कविता बहार की एक कविता –
मेहनत करो साथियो- प्रिया शर्मा
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत है सुख का आधार,
मेहनत से ही फूल खिलेंगे,
मेहकेगा सारा संसार।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत से है जग में उजियारा,
देखो तपता सूरज दिनभर,
जिससे मिटता है अँधियारा।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत है चलने का नाम,
गिरते-गिरते चींटी चढ़ती,
पा जाती है अपना मुकाम।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत का फल होता है मीठा,
यदि मेहनत न कर पाते राम,
तो कभी न मिल पातीं सीता।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत को हैं कर्म अनेक,
प्राप्त करा जन-जन को शिक्षा,
भविष्य बनाओ सबका नेक।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत में हैं वेद-पुराण,
गर कर न सके तुम मेहनत साथी,
तो व्यर्थ हैं सब गीता-कुरान।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत तो है भारत का गहना,
खून-पसीने से देश को सींचा करते हैं
अपने किसान और इस देश की सेना।
मेहनत करो साथियो , मेहनत
मेहनत पर है गीता का ये वचन,
“कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन”
मेहनत से ही सार्थक होते हैं कृष्णा के ये कथन।
-प्रिया शर्मा