हो मुरलिया रे / केवरा यदु “मीरा”
हो मुरलिया रे / केवरा यदु “मीरा” हो मुरलिया रे तँय का का दान पुन करे हस।तँय का का दान पुन करे हस।तोर बिना राहय नहीं कान्हा ओकरे संग धरे हस।तँय का का दान पुन करे हस।। सुन रे मुरलिया तोर भाग जबर हे कान्हा के संग रहिथस।मोहना के हिरदय के बात ला अपने धुन … Read more