नानक दुखिया सब संसार- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
नानक दुखिया सब संसार
कुछ जी रहे नगद कुछ जी रहे उधार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ हैं स्वस्थ तो कुछ हैं बीमार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ हैं पूर्ण आहार तो कुछ हैं निराहार
नानक दुखिया सब संसार
नेताओं ने किया देश का बंटाढार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ नोच रहे मानवता को कुछ कर रहे परोपकार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ मस्त हैं माया ,मोह में कुछ लगे मोक्ष उद्धार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ जी रहे विलासिता में कुछ सादा जीवन उच्च विचार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ कर रहे अपराध कुछ कर रहे उपकार
नानक दुखिया सब संसार
कुछ कर रहे भरपेट भोजन कुछ खा रहे रोटी अचार