किसान (कुण्डलिया)-मदन सिंह शेखावत
किसान (कुण्डलिया) खेती खुशियो की करे, बोए प्रेम प्रतीत।निपजाता मोती बहुत, सुन्दर आज अतीत।सुन्दर आज अतीत,पेट कब वह भर पाता।हालत बहुत खराब, दीन है अन्न प्रदाता।कहे मदन करजोर, ध्यान कृषकों का देती।होता वह सम्पन्न, करे खुशियो की खेती।। मदन सिंह…