
बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान
बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान *लापरवाही इक बड़ी,* *बनकर आई काल।**पल में प्रलय हो गई,* *छीने बाल गोपाल।।* लाड प्यार तैयार कर, देकर बस्ता, भोज। दादा दादी मात पिता, करते टाटा रोज।।किसको क्या ये था पता,…
बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान *लापरवाही इक बड़ी,* *बनकर आई काल।**पल में प्रलय हो गई,* *छीने बाल गोपाल।।* लाड प्यार तैयार कर, देकर बस्ता, भोज। दादा दादी मात पिता, करते टाटा रोज।।किसको क्या ये था पता,…
इस कविता के माध्यम से हम सभी विश्व रंगमंच दिवस के महत्व को समझते हैं और इस उत्सव के महत्व को मनाते हैं, जो संस्कृति, कला, और समाज को एकसाथ लाता है। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर यहाँ एक…
होली में धूम मचायेंगे /डॉ0 रामबली मिश्र होली में धूम मचायेंगे,होली में। नित रंग डाल नहलायेंगे,होली में।। स्वागत होगा पिचकारी से। हँसी ठिठोली दिलदारी से।। मुँह में सबके रंग लगेगा। सबका मुखड़ा खूब खिलेगा।। होली में रस बरसायेंगेगे,होली में। भय…
आत्म निर्भर भारत/हरि प्रकाश गुप्ता, सरल आओ मिलकर एक साथ सब ये सौगंध खायें। अपने भारत को हम आत्म निर्भर बनायें।। किसी चीज की कमी न हो हर चीज भारत में बनायें। खेती, वैज्ञानिक, औद्योगिक क्षेत्र, हर क्षेत्र में आगे…
आओ विश्व कविता दिवस मनाएँ/मंजूषा दुग्गल मन के कोमल भावों कोकोरे काग़ज़ पर सजाएँप्रेम, इंतज़ार,ग़म के पलों कोचला लेखनी लफ़्ज़ों में व्यक्त कर जाएँनमन करें सभी काव्य साधकों कोश्रद्धा में उनकी मस्तक झुकाएँमहादेवी सी सहनशीलता ले आएँनिराला के प्रकृति प्रेम…