विश्व कविता दिवस

कवि और कविता/सुशी सक्सेना

कवि और कविता/ सुशी सक्सेना कवि देह है तो उसके प्रान है, कविता।कवियों के सपनों की जान है, कविता। भोर की पहली किरण सा कवि,तो उसका उजाला है, कविता,मस्त मतवाला मयनशीं कवि,उसकी मधुशाला है कविता।कवि धरा गगन सा तो,दोनों के…

विश्व कविता दिवस

विश्व कविता दिवस/डॉ0 रामबली मिश्र

विश्व कविता दिवस/डॉ0 रामबली मिश्र प्रति पल कविता दिवस मनाता।हिन्दी में लिखना सिखलाता।।मन मन्दिर में ध्यान लगाता।सबको उत्तम राह दिखाता।। अंतर्मन के भाव गमकते।शब्दों के आह्लाद चहकते।।अर्थ बताते सत्य पंथ गह।स्नेह परस्पर का मतलब कह।। कविता लिख कर मन बहलाता।जीवन…

पर्यावरण दिवस पर कविता

पर्यावरण दिवस पर कविता /मंजूषा दुग्गल

पर्यावरण दिवस पर कविता/मंजूषा दुग्गल जलाकर पेड़-पौधे वीरान धरती को बना रहे हैं  इतनी सुंदर सृष्टि का भयावह मंजर बना रहे हैं  काटकर जंगल पशु-पक्षियों को बेघर बना रहे हैं  कर बेइंतहा अत्याचार हम दिवस पर्यावरण मना रहे हैं ।…

पर्यावरण की रक्षा

पर्यावरण की रक्षा/कामरान

पर्यावरण की रक्षा/कामरान दूषित है पूरा संसारआया मन में है विचारप्लास्टिक का करें बहिष्कारदेखेगा अब पूरा संसारपेट्रोलियम का करे कम उपयोगबंद करें सारे उद्योगअपने नाम से एक पेड़ लगाओजीवन में कुछ अच्छा कर जाओहम करें पर्यावरण की रक्षावह करेगा हमारी…

दौलत पर कविता

दौलत पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र

दौलत पर कविता /रामबली मिश्र दौलत जिसके पास है, उसे चाहिए और।और और की चाह में,कभी न पाता ठौर ।। दौलत ऐसी भूख है,भरे न जिससे पेट।दौलत करे मनुष्य का,रातोदिन आखेट।। दौलत के पीछे सदा,भाग रहा इंसान।मृग मरीचिका सी बनी,मार…