दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता जन्म से सारे रिश्ते लिखित आवे मात-पिता अनुज सब उपहार में पावे | दोस्ती हि ऐसा रिश्ता माना जावे जसका चुनाव हम स्वयं है करत आवे || यही है दोस्ती॥ २॥ संगत अपनी खुद परखी जावे जो दुनिया से पहचान करावे | और पीड़ा में रहे साथ हमारे नहीं बस दिखावे की … Read more