बस यही दासतां हमारी है
बस यही दासतां हमारी है
बस यही दासतां हमारी है
प्रकृति पर कविता सप्त सुरीला संगीत है , प्रकृति का हर तत्व । सजा देता यह जीवन राग, भर देता है महत्त्व। एक एक सुर का अपना ,अलग ही अंदाज है । समझना तो पड़ेगा हमें ,अब तो इसका महत्व…
बापू पर कविता ये राष्ट्र सदा ऋणी रहेगा,बापू तेरे उपकार का।तू लाल भारत भूमि का,आदर्श बना संसार का।। वृद्ध वयस और दुर्बल काया,कोई ऐसी तो बात थी।हुंकार भरा जब-जब तूने,जनता तेरे साथ थी।नाव बनाया जनसमूह का,तू उसका पतवार था।तू लाल…
लक्ष्मी माता की आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता॥ ॐ जय… उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता॥ ॐ जय……
अनुशासन पर दोहे