गणेश वंदना

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक … Read more

राम नाम जपले रे मनवा गीत /केवरा यदु “मीरा “

Jai Sri Ram kavitabahar

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। राम नाम जपले रे मनवा गीत राम नाम जपले रे मनवा,निश दिन सांझ सबेरे।पल में सारे कट … Read more

होड़ लगी है विश्व में करें इकट्ठा शस्त्र

होड़ लगी है विश्व में करें इकट्ठा शस्त्र होड़ लगी है विश्व में, करें इकट्ठा शस्त्र।राजनीतिक होने लगी,खुले आम निर्वस्त्र।। सीमाएँ जब लाँघता,है सत्ता का लोभ।जन-मन को आक्रांत कर,पैदा करता क्षोभ।। सत्ताधारी विश्व के, पैदा करें विवाद ।शांति हेतु अनिवार्य है,जनता से संवाद।। सृजनात्मक सहयोग से,बंद करें कटु युद्ध ।धरती पुत्रों अब उठो,सम्हलो स्वार्थ विरुद्ध।। … Read more

दादा जी पर कविता

दादा जी पर कविता दादा जी के संग में , इस जीवन के ज्ञान ।मेरे सच्चे मित्र सम ,जाते हैं मैदान ।।जाते हैं मैदान ,खेल वो मुझे सिखाते ।प्रेरक गहरी बात , कहानी रोज सुनाते ।।कह ननकी कवि तुच्छ , बताते है मर्यादा ।सबसे ज्यादा वक्त , दिया करते हैं दादा ।। दादा बनकर घूमता … Read more

धन्य वही धन जो करे आत्म-जगत् कल्याण

धन्य वही धन जो करे आत्म-जगत् कल्याण धन्य वही धन जो करे, आत्म-जगत् कल्याण।करे कामना धर्म की,मिले मधुर निर्वाण। संग्रह केवल वस्तु का,विग्रह से अनुबंध।सुविचारों की संपदा,से संभव संबंध।। धन-दौलत के साथ ही,बढ़ता क्यों अपराध।कठिन दंड भी शांति को,कहाँ सका है साध।। शिक्षा,जब माना गया,केवल भौतिक ज्ञान।मानव-मूल्यों के बिना,दुखद भ्राँत उत्थान।। निधन हुआ धन से … Read more