सिद्धिविनायक गणेश वंदना

सिद्धिविनायक गणेश वंदना सिद्धिविनायक देव हो,तुझे मनाऊँ आज।माँ गौरी शंकर सुवन,हो पूरण मम काज।। प्रथम पुज्य गणराज जी, बुद्धि विधाता नाथ।कष्ट हरो गणनायका,चरण  झुकाऊँ माथ।। मातु पिता करि परिक्रमा,सजते देव प्रधान।बुद्धि विनायक हैं कहे,कृपा करो भगवान ।। मोदक प्रिय गौरी तनय,एक दंत अखिलेश।हाथ जोड़ विनती करूँ, करो दया करुनेश।। रिद्धि सिद्धि को साथ ले, आओ … Read more

तिजा उपास (हास्य कविता)

तिजा उपास (हास्य कविता) तिजा उपास रहे बर, काल करू भात खाय हे ।बिहना ले दरपन ला संगवारी बनाय हे।। 1 क‌ई किसीम रोटी पीठा झटपट बनात हे ।उठ उठ के आत हे, लस ले सुत जात हे।। 2 ल‌इका मन रोटी के,सुगंध ला पात हे ।सुंग सुंग ल‌इका मन चुलहा तीर जात हे।। 3 … Read more

तोड़े हुए रंग-बिरंगे फूल :नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

तोड़े हुए रंग-बिरंगे फूल टीप-टीप बरसता पानीछतरी ओढ़ेसुबह-सुबह चहलकदमी करतेघर से दूर सड़कों तक जा निकलादेखा–सड़क के किनारेलगे हैं फूलदार पौधे कईपौधों पर निकली हैं कलियाँ कईमग़र कहीं भीदूर-दूर तक पौधों परखिले हुए फूल एक भी नहींसहसा नजरें गईनहाए न धोएफूल चुन रहे पौधों सेमहिला-पुरुष कई-कईवही जो कहलाते आस्तिक जनरखे हुए हैं झिल्ली मेंतोड़े हुए … Read more

हरिपदी छंद में गणेश वंदन

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक … Read more

स्वभाव पर कविता

स्वभाव पर कविता पचा लेता है विष,उसको सुधा में ढाल देता है,अँधेरा हो जहाँ दीपक जतन से बाल देता है । ये छोटी मछलियाँ हैं खैर ये कब तक मनायेंगी,बड़ी मछली के हाथों में शिकारी जाल देता है। अमन का हाल चीखें शाहराहों की बताती हैं,पहरेदार पर बचते हुए अहवाल देता है । न काटो … Read more