Blog

  • पवित्र प्रेम पर कविता

    पवित्र प्रेम पर कविता

    14 फरवरी सेंट वेलेंटाइन दिवस( प्रेम दिवस ) 14 February St. Valentine's Day (Love Day)
    14 फरवरी सेंट वेलेंटाइन दिवस( प्रेम दिवस ) 14 February St. Valentine’s Day (Love Day)

    रचनाकार- बाँके बिहारी बरबीगहीया
    राज्य -बरबीघा बिहार (पुनेसरा )

    एक कपोत ने आकर हमसे
    कह डाले सब प्रेम की बात
    कुछ लिखो तुम स्वेत पत्र पे
    और लिखो कुछ अपनी याद
    मेरे गले में प्रेम पत्र दो
    उठो चलो तुम मेरे साथ
    प्रेम विरह में पागल है वो
    कटती नहीं उनसे अब रात
    व्यथित विकल वो तुम्हें पाने को
    कर लो उनसे तुम एक मुलाकात
    अंतरात्मा से जब तुम भी
    अपने प्रेम को चाहोगे
    तब जाके तुम्हें प्रेम मिलेगी
    और खुद की थाह लगाओगे ।।

    चितवन नयन से देखती हैं तुम्हें
    आँख में उसके रिमझिम सावन
    एक बार गर उसे तू मिल जाए
    फिर ना वो कभी रहे अपावन
    जन्म- जन्म से प्यासी संगिनी को
    अपने प्रेम से कर दो पावन
    पवित्र प्रेम करतीं है तुमसे
    तुम्हीं से है उसका अपनापन
    दिव्य प्रेम की जगमग ज्योति से
    तेरे मृदुल छवी को करे सुहावन
    प्रेम सरोवर में जब भी तुम
    आनंद हो गोता लगाओगे
    प्रेम रत्न लेकर निकलोगे
    और खुद मधुवन बन जाओगे।।

    अंतःकरण पावन हैं उनके
    तुम्हीं उसके जीवन आधार
    हर क्षण हर पल तुम्हें पुकारे
    हाथ में लेके एक गुलनार
    मधुर छवी मिठी मुस्कन लिए
    हर रोज करतीं तेरा दीदार
    प्रेमपुष्प वर्षाकर तुम पर
    करेंगी वो तेरा श्रृंगार
    हारिल कहे पवित्र प्रेम को
    अपनाकर कर लो अधिकार
    कलरव के इस प्रेम शब्द को
    जब तुम उसे सुनाओगे
    प्रेम सागर में उतर पड़ेगी
    संग तुम धन्य हो जाओगे ।।

    प्रेम सागर में कूद पड़ोगे।
    खुद को निश्छल तुम पाओगे।।

    बाँके बिहारी बरबीगहीया

  • मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता

    मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता

    मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता

    दिवस मातृ पितु ले मना, करिये सत संकल्प।
    ईश मान पितु मात को, छोड़ो सभी विकल्प।।

    घर में ही भगवान हैं, सच जीवन दातार।
    मात पिता को मान दें, करिये उनसे प्यार।।

    जन्म दिया है आपको, रखे गर्भ नौ मास।
    पाला मय अरमान के, मात पिता विश्वास।।

    पाल पोष पहचान दी, पढ़ा लिखा कर शान।
    खोया निज को आप में, उनका रखो गुमान।।

    जीवन संतति हित जिए, छोड़ स्वयं अरमान।
    अब उनका विश्वास बन, मात पिता भगवान।।

    शर्मा बाबू लाल कहि, दोहा लिख कर षष्ट।
    विनय आपसे, हो नही, मात पिता को कष्ट।।
    . °°°°°°°°°
    ✍©
    बाबू लाल शर्मा बौहरा
    सिकंदरा दौसा राजस्थान
    ???????????

  • यार तेरी कसम-गज़ल

    यार तेरी कसम-गज़ल

    रूठ जाऊँ कभी तो मनाना मुझे।
    कर ये वादा कभी मत सताना मुझे।।

    गर कहीं भूल जाऊँ ये राहे वफ़ा,
    *यार तेरी कसम* मत भुलाना मुझे।

    जिंदगी की डगर में बड़ी मुश्किलें,
    थाम दामन मेरा तू चलाना मुझे।

    आदमी तो है जिन्दा ख़ुशी के लिए,
    गम अगर आ भी जाये हँसाना मुझे।

    इस कदर यार *बोधन* सताना नहीं,
    दिल चुराना कभी आजमाना मुझे।
    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    गज़लकार:-
    बोधन राम निषादराज”विनायक”
    सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)

    All Rights Reserved@bodhanramnishad

  • आह्वान पर कविता -डाक्टर को सारी बात बताये

    आह्वान पर कविता

    जब भी होवे वाइरस संक्रमण,सर्दी-जुकाम से पिड़ित तन !
    सांस लेने में होय परेशानी, सहज बात न समझे हम !!
    कफ खांसी की जांच कराये, डाक्टर को सारी बात बताये !
    संकोच घबराने की बात नहीं, सावधानी की राह अपनाये !!
    खांसते झिकते रूमाल लगाये, टिसु पेपर मास्क अपनाये !
    निज करे पालन सबको कराये,रोग न फैले सबको बताये !!
    सावधानी से जीवन सुखमम रहे, निरोगी काया हरपल रहे !
    दास दूजराम के अरज भाई, निज अमल करे औरो को कहे !!

    दूजराम साहू
    निवास भरदाकला
    तहसील खैरागढ़
    जिला राजनांदगाँव (छ ग)

  • नेक काम पर कविता

    नेक काम पर कविता

    आये हो संसार मे, नेक काम कर जाय।
    विपदा आफत टाल कर,सब की करे सहाय।
    सब की करे सहाय,प्रभु ने लायक बनाया।
    मेहर उस की होय,खुशिया जी भर लुटाया।
    कहै मदन कर जोर, यही से सब कुछ पाये।
    दाता को लौटाय, नाम करने तुम आये।।

    मदन सिंह शेखावत ढोढसर