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  • राधा की पुकार गीत/ केवरा यदु “मीरा “

    राधा की पुकार गीत/ केवरा यदु “मीरा “

    राधा की पुकार गीत / केवरा यदु “मीरा “

    radha shyam sri krishna
    श्री राधाकृष्ण

    राधा पुकारे  तोहे  श्याम  हाथ जोड़  कर।
    आ जाओ  मोहन  प्यारे  मथुरा  को छोड़  कर।।
    आ जाओ  मोहन  प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।

    रूठ गई निंदिया  श्याम  , चैनों  करार भी।
    प्रीत  जगाके  काहे  मुझको  बिसार दी।
    भूल  नहीं  जाना कान्हा  दिल से नाता  जोड़ कर।।

    आ जाओ  मोहन  प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।।
    आ जाओ—

    बाँसुरी बजा के  कान्हा  फिर से  बुलाने  आजा।
    पूनम की रात मोहन  रास रचाने  आजा।
    यमुना  तट पे बैठी  हूँ  मैं जाऊँ   ना  छोड़  कर।।

    आ जाओ  मोहन  प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।
    आ जाओ–

    मधुबन उदास  कान्हा   यमुना   उदास  है।
    रोते हैं  ग्वाले  तेरे दर्शन  की प्यास  है ।
    मुड़कर कर न देखा श्याम  हमसे नाता जोड़ कर।।

    आ जाओ  मोहन  प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।।
    आ जाओ–

    नैनों  से  नीर  बरसे  कान्हा  तेरी याद  में ।
    मर न जाऊँ  रो रोकर पछताओगे  बाद में ।
    कैसे  तुम  जीते हो मोहन हमसे मुँह  मोड़  कर।।

    आ जाओ  मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।
    राधा पुकारे तोहे श्याम  हाथ जोड़  कर।
    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।।
    आ जाओ—

    केवरा यदु “मीरा “

  • पुरानी यादो पर ग़ज़ल

    पुरानी यादो पर ग़ज़ल

    भुला बैठे थे हम जिनको वो अक्सर याद आते हैं
    बहारों के हसीं सारे वो मंज़र याद आते हैं

    रहे कुछ बेरहम से हादसे मेरी कहानी के
    झटक कर ले गए सबकुछ जो महशर याद आते है

    दिलों में खींच डाली हैं अजब सी सरहदें सबने
    हुए रिश्ते मुहब्बत के जो बेघर याद आते हैं

    गुज़र जाते हैं सब मौसम बिना देखे तुम्हें ही अब
    वो चाहत के अभी भी सब समंदर याद आते हैं

    बिछाती थी बड़े ही प्यार से मेरे लिए जो माँ
    महकते मखमली बाहों के बिस्तर याद आते हैं

    महशर….महाप्रलय

    कुसुम शर्मा अंतरा
    जम्मू कश्मीर
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  • नोटबंदी पर कविता

    नोटबंदी पर कविता

    सरकार जी 
    आपने की थी नोटबंदी
    आठ नवंबर
    सन् दो हजार सोलह को
    नहीं थके
    आपके चाहने वाले
    नोटबंदी के
    फायदे बताते-बताते
    नहीं थके
    आपके आलोचक
    आलोचना करते-करते
    लेकिन हुआ क्या?
    पहाड़ खोदने की
    खट-खट सुनकर
    बिल छोड़कर सुदूर
    चूहा भी भाग निकला
    आज है वर्षगांठ
    नोटबंदी की
    फायदे बताने वाले
    नहीं कर रहे
    नोटबंदी की याद में
    कोई समारोह
    मात्र आलोचक हैं
    क्रियाशील
    सोशल मिडिया पर। 

    -विनोद सिल्ला©

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  • छत्तीसगढ़ मैया पर कविता -श्रीमती शशिकला कठोलिया,

    छत्तीसगढ़ मैया पर कविता

    छत्तीसगढ़ी कविता
    छत्तीसगढ़ी कविता

    जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया,
    सुन लोग हो जाते स्तंभित,
    राष्ट्रगान सा स्वर है गुजँता,
    छत्तीसगढ़ का यह राज गीत,
    नरेंद्र देव वर्मा की अमर रचना,
    है उसकी आत्मा की संगीत,
    छत्तीसगढ़िया को बांधे रखता ,
    यह पावन सुंदर सा गीत ,
    धरती का शुभ भावों से सिंगार कर,
    छत्तीसगढ़ माटी का बढ़ाया गौरव,
    गीत में साकार हो उठता ,
    समूचे छत्तीसगढ़ का वैभव,
     स्वरलिपि में बांधने वाले ,
    धन्य है वह महान रचनाकार,
    छत्तीसगढ़ के आत्मा का संगीत,
    बन गया अरपा पैरी के धार ,
    बन गया अरपा पैरी के धार ।

     श्रीमती शशिकला कठोलिया, 
    शिक्षिका ,अमलीडीह ,डोंगरगांव
    जिला-राजनांदगांव (छ.ग.)
    मो न – 9340883488
              9424111042
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  • इश्क पर कविता-माधवी गणवीर, छत्तीसगढ़

    इश्क पर कविता

    यू इस तरह न मुंह मोड़ कर चला करो,
    है इश्क तो जुबां से भी कहा करो।

    क्यों हाथ मिलाने पर रहते हो आमादा हर वक्त,
    अजनबी लोगों से थोड़ा फासले से मिला करो।

    भूल सकते नहीं तेरे अहसास कभी हम,
    हर राह पर, हर मोड़ पर तुम ही तुम दिखा करो।

    हर वक्त यूं वक्त न जाया किया करो,
    डायरी में लिखी चन्द ग़ज़ले भी पढ़ा करो।

    दिल्लगी नहीं ये दिल की लगी थी,
    दिल से निभाओगे बस यही दुआ करो।

    किस्से मशहूर हैं इश्क के बे़हद,
    फु़र्सत मिले तो उसे भी सुना करो।

    माधवी गणवीर
    छत्तीसगढ़
    7999795542
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