मातृ भाषा पर कविता – विनोद कुमार चौहान

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद…

हिंदी हमारी भाषा – सुशी सक्सेना

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद…

हिंदी पर कविता – मदन सिंह शेखावत

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद…

गणेश वंदना -दूजराम साहू

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…

हे गणपति सुनले विनती -गणेश वंदना गीत

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…

गणेश चतुर्थी पर कविता

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…

रमजान प्रेम-मुहब्बत का महीना

मुस्लिम भाइयों का रमजान पवित्र मास है। इन दिनों वे एक महीने का रोजा अर्थात् उपवास रखते हैं। फरिश्ता जिब्रील के द्वारा भगवान ने जो संदेश तेईस वर्षों में पैगम्बर मोहम्मद साहब के पास भेजा था, वही पैगाम उन्होंने जगत्…

किसान दिवस पर कविता (23 दिसम्बर)

तुझे कुछ और भी दूँ ! रामअवतार त्यागी तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहता हूँ, देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ! माँ! तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन किंतु इतना कर रहा फिर भी निवेदन,…

कारगिल विजय दिवस पर कविता (16 दिसम्बर)

atal bihari bajpei

आज सिंधु में ज्वार उठा है आज सिंधु में ज्वार उठा है, नगपति फिर ललकार उठा है, कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है। शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा, जग के मस्तक पर रोली-सा, शोभित हिंदुस्तान…

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता (19 नवम्बर)

हम सब भारतवासी हैं निरंकारदेव ‘सेवक’ हम पंजाबी, हम गुजराती, बंगाली, मदरासी हैं, लेकिन हम इन सबसे पहले केवल भारतवासी हैं। हम सब भारतवासी है ! हमें प्यार आपस में करना, पुरखों ने सिखलाया है, हमें देश-हित, जीना मरना पुरखों…

बाल-दिवस पर कविता

जवाहरलाल नेहरू

बाल-दिवस पर कविता आ गया बच्चों का त्योहार/ विनोदचंद्र पांडेय ‘विनोद’ सभी में छाई नयी उमंग, खुशी की उठने लगी तरंग, हो रहे हम आनन्द-विभोर, समाया मन में हर्ष अपार ! आ गया बच्चों का त्योहार ! करें चाचा नेहरू…

गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता (17 अक्टूबर)

गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता गरीबी से संग्राम आचार्य मायाराम ‘पतंग’ चलो साथियों! हम सेवा के काम करें। आज गरीबी से जमकर संग्राम करें। यह न समझना हमें गरीबी थोड़ी दूर हटानी है। अपने आँगन से बुहारकर नहीं पराए लानी…