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  • कमाल का हुनर- विनोद सिल्ला

    कमाल का हुनर

    कमाल का हुनर
    रखती हैं 
    पूरे परिवार का 
    ख्याल 
    सभी परिजनों की 
    पसंद-नापसंद
    का ख्याल 
    सबकी 
    इच्छा-अनिच्छा 
    का ख्याल 
    इतना सुनियोजित 
    प्रबन्धन 
    कमाल का हुनर
    रखती हैं 
    गृहिणियाँ
    इनके हुनर का
    समूचा मूल्यांकन 
    अभी बाकी है  

    -विनोद सिल्ला©

    विनोद सिल्‍ला

    771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशाला
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद  (हरियाणा)
    पिन कोड 125120
    संपर्क +919728398500

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  • बहुत कठिन है वास्‍तविक होना

    बहुत कठिन है वास्‍तविक होना

    बहुत कठिन है
    वास्‍तविक होना
    कठिन ही नहीं
    असंभव है
    वास्‍तविक होना
    वास्‍तविक हम
    या तो बचपन में होते हैं
    या अपने जीवनसाथी
    के पास होते हैं
    असल में
    जीवनसाथी के पास भी
    वास्‍तविक होने में
    बहुत से पहलू
    रह जाते हैं
    अपने बच्चों
    व माता-पिता के समक्ष
    पूरी तरह से
    बनावटी हो जाते हैं
    एक आदर्श का
    आडम्‍बरपूर्वक
    ओड लेते हैं आवरण
    हो जाते हैं
    वास्‍तविकता से
    बहुत दूर
    हमारे मन-मस्‍तिष्‍क में
    चल रहे विचारों का
    हो जाए सीधा-प्रसारण
    मात्र वही कर सकता है
    हमें वास्‍तविक

    -विनोद सिल्‍ला©

    771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशाला
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद (हरियाणा)
    पिन कोड 125120

  • कवि होना नहीं है साधारण

    कवि होना नहीं है साधारण

     

    नहीं है साधारण

    कवि होना
    नहीं है साधारण
    अपेक्षित हैं उसमें
    असाधारण विशेषताएं
    मात्र कवि होना ही
    बहुत बड़ी बात है
    लेकिन फिर भी
    आत्मश्लाघा के मारे
    लगते हैं नवाजने
    खुद को ही
    राष्ट्रीय कवि
    वरिष्ठ साहित्यकार के
    खिताबों से
    नाम के आगे-पीछे
    लगा लेते हैं
    ऐसे उपनाम
    जिन पर स्वयं
    नहीं उतरते खरे
    सम्मानित होने व
    करने का कारोबार
    ले जाता है
    पतन के रसातल में
    उनसे जनकल्याण के
    सृजन की
    अपेक्षा करना
    बेमानी है

    vinod silla

    -विनोद सिल्ला©

    771/14, गीता कॉलोनी
    नजदीक धर्मशाला व खेड़ा
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद  (हरियाणा)
    पिन कोड 125120

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  • माधुरी डड़सेना के हाइकु

    माधुरी डड़सेना के हाइकु

    माधुरी डड़सेना के हाइकु

    हाइकु
    hindi haiku || हिंदी हाइकु


    1
    मौसमी ज्वर-
    फंदे में झूल रहे
    प्रेमी युगल

    2
    जलतरंग-
    सर्प के मुख आती
    टर्र ध्वनि

    3
    तांडव नृत्य-
    घर में तैर रहे
    सारा सामान

    4
    फटा बादल-
    घर मे दुबका है
    मगरमच्छ

    5
    व्यस्त सड़के-
    बैठे हैं सड़क में
    भैसों का झुंड

    6
    उत्तराषाढा-
    अरबी में चमके
    पानी की बूंदे

    7

    पहली वर्षा-
    नाग जोड़े करते
    प्रणय लीला

    8

    मावस रात-
    बूढ़ी गाय झेलती
    मक्खियाँ दँश

    9

    गुड्डी का फोटो-
    चौराहे में जलाते
    मोमबत्तियां

    10

    स्वेत बादल-
    कृष देख रहा है
    वर्षा मिज़ाज

    11

    खेतो में आग-
    अधजले चूजे है
    पेड़ के नीचे

    12

    गाल का तिल
    मन करे मोहित
    चाँद शोभित

    13

    दुवाओं भरा
    भरपूर विस्वास
    पापा का प्यार

    14

    गर्भ से झांका
    बुनती है स्वेटर
    मेरे लिए माँ

    15

    है गुलज़ार
    बजुर्ग खुशहाल
    घर संसार

    माधुरी डड़सेना

  • अनुच्छेद 47

    अनुच्छेद 47

    अनुच्छेद संतालिस पढ़,
                      भारतीय   संविधान|
    नशा नियंत्रण सत्ता करे,
                      कर  रहा है बखान||
    कर रहा है बखान,
                    इसे   लागू  करवाओ|
    नशों से कर के मुक्त,
                 धरती को स्वर्ग बनाओ||
    विनोद सिल्ला की सुन,
                       कर दो नशा निषेध|
    मूल-रूप में पालना,
               हों सब के सब अनुच्छेद||

    -विनोद सिल्ला©
    कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद