धरती माता रो रो कर करती यही पुकार
धरती माता रो रो कर करती यही पुकार धरती माता रो रो कर करती यही पुकार ।न मेरा रूप बिगाड़ो रे मनुज तुम मुझे संवारो ।।महल बना कर बड़े बड़ेतुम बोझ न मुझ पर डालो ।पेड़ पौधों को काट काटकर न…
धरती माता रो रो कर करती यही पुकार धरती माता रो रो कर करती यही पुकार ।न मेरा रूप बिगाड़ो रे मनुज तुम मुझे संवारो ।।महल बना कर बड़े बड़ेतुम बोझ न मुझ पर डालो ।पेड़ पौधों को काट काटकर न…
हे धरती के भगवान हो तुम आसाधारण,तेरे कांधों पर दुनिया टिका है,तेरे खून के कतरे से ही ,ये पावन धरती भिंगा है !!हे धरती के भगवान ,तु है बड़ा महान !! ऊसर भूमि उपजाऊ कर देता,कठोरता खुद हर लेता ,नित…
ढूँढूँ भला खुदा की मैं रहमत कहाँ कहाँ
संवेदना के सुर बजे जब वेदना के तार पर संवेदना के सुर बजे जब वेदना के तार पर।वाल्मिकी की संवेदना जगी आहत पक्षी चित्कार पर।।१।।प्रथम कविता प्रकट भयी खुला साहित्य द्वार पर।कविता का नव सृजन पैनी कलम की धार पर।।२।।भिगी…
सही दिशा मिल जाए तो उत्साह से परिपूर्ण होते हैं ये बच्चे,सही दिशा मिले ,तो विश्व को बदलते ये बच्चे, 1- प्यारे-दुलारे सबके सहारे होते हैं ये बच्चे,चहकते, खुशियों से भरपूर होते ये बच्चेसब के दुखों को हर लें ऐसे…