by कविता बहार | Apr 7, 2019 | हिंदी कविता
गरीबी का घाव आग की तपिस में छिलते पाँवभूख से सिकुड़ते पेटउजड़ती हुई बस्तियाँऔर पगडण्डियों परबिछी हैं लाशें ही लाशेंकहीं दावत कहीं जश्नकहीं छल झूठे प्रश्नतो कहीं …. आलीशान महलों की रेव पार्टियाँदो रोटी को तरसतेहजारों बच्चों परकर्ज की बोझ से दबेलाखों हलधरों परऔर... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | हिंदी कविता
हादसों का शहर ये शहर हादसों का शहर हो न जाए।अमन पसंद लोगों पर कहर हो न जाए।।न छेड़ बातें यहां राम औ रहीम की,हिन्दू और मुसलमां में बैर हो न जाए।।अमृत सा पानी बहे ... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | विविध छंदबद्ध काव्य
अब्र के दोहे मस्ताया मधुमास है, गजब दिखाए रंग।फागुन बरसे टूटकर, उठता प्रीत तरंग।।लाया फूल पलाश का, मस्त मगन मधुमास।सेमल-सेमल हो गया, फागुन अबके खास।।काया नश्वर है यहाँ, मत भूलें यह बात।कर्म अमर रहता सदा, भाव जगे दिन रात।।सार्वजनिक जीवन सदा, भेद भाव से दूर।जिनका भी ऐसा... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | हिंदी कविता
जीवन यही है मार्च के महीने मेंदेखता हूँ बिखरे पत्ते धरती की छाती पररगड़ते घिसतेहवा की सरसराहट के संगखर्र खर्र की आवाज बिखरती हैं कानों मेंयत्र तत्रटहनियों से अलग होने के बादमृत प्रायः, काली पीली काया बिखरे पत्तों की…छोड़ती है अपनी अमिट छापउम्रदराज हो जाते हैंआदमी की... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | हिंदी कविता
महादेवी वर्मा पर कविता हिंदी मंदिर की सरस्वती,तुम हिंदी साहित्य की जान।छायावादी युग की देवी,महादेवी महिमा बड़ी महान।।दिया धार शब्दों को,हिंदी साहित्य है बतलाता।दिव्य दृष्टि दी भारत को,साहित्य तुम्हारा जगमगाता।।प्रेरणास्रोत कलम की तुम,हो दर्पण झिलमिलाता।दशा दिशा इस भारत...