अब्र के दोहे

अब्र के दोहे मस्ताया मधुमास है, गजब दिखाए रंग।फागुन बरसे टूटकर, उठता प्रीत तरंग।। लाया फूल पलाश का, मस्त मगन मधुमास।सेमल-सेमल हो गया, फागुन अबके खास।। काया नश्वर है यहाँ, मत भूलें यह बात।कर्म अमर रहता सदा, भाव जगे दिन…

जीवन यही है

जीवन यही है मार्च के महीने मेंदेखता हूँ बिखरे पत्ते धरती की छाती पररगड़ते घिसतेहवा की सरसराहट के संगखर्र खर्र की आवाज बिखरती हैं कानों मेंयत्र तत्रटहनियों से अलग होने के बादमृत प्रायः, काली पीली काया बिखरे पत्तों की…छोड़ती है…

महादेवी वर्मा पर कविता

महादेवी वर्मा पर कविता हिंदी मंदिर की सरस्वती,तुम हिंदी साहित्य की जान।छायावादी युग की देवी,महादेवी महिमा बड़ी महान।।दिया धार शब्दों को,हिंदी साहित्य है बतलाता।दिव्य दृष्टि दी भारत को,साहित्य तुम्हारा जगमगाता।।प्रेरणास्रोत कलम की तुम,हो दर्पण झिलमिलाता।दशा दिशा इस भारत की,जो सबकुछ…

दहेज पर कविता

दहेज पर कविता               बेटी कितनी जल गई ,               लालच अग्नि  दहेज ।क्या जाने इस पाप से ,                 कब होगा परहेज ।।कब होगा परहेज ,              खूब होता है भाषण ।बनते हैं कानून ,            नहीं कर पाते पालन ।।कह ननकी कवि तुच्छ…

हम तुमसे प्यार करते हैं

हम तुमसे प्यार करते हैं हाँ यही सच है हम तुमसे प्यार करते हैंजानेजाना हाँ यही सच है तुमपे मरते हैंतुम न होते हो तो तस्वीर से बतियाते हैंदिल के नज़दीक ला हम धड़कन तुम्हें सुनाते हैंहोश खो देते हैं…