नई उम्मीदें पर कविता

deepak

नई उम्मीदें पर कविता मन में आशा के दीप जलाजीवन पथ पर बढ़ना है,उम्मीदें ही जीवन की पूंजीनया आसमान हमें पाना है। नई उम्मीदें संजीवनी जीवन कीसकारात्मक सोच जगाती हैंपथ प्रदर्शक है मनुज कीहौंसले बुलंद बनाती है। बिन उम्मीद मंजिल नहीं दिखतीराही पथभ्रष्ट हो जाता हैउम्मीदों का यदि दामन छोड़ानैराश्य भाव ही पाता है। पथरीला … Read more

तेरस के दोहे

doha sangrah

तेरस के दोहे आयें है संसार मे, करो नेक सब काम।यहीं कर्म का फल मिले, स्वर्ग नरक की धाम।। यत्न सदा करते रहो, मान नही तुम हार।हाथ सफल लगते गले, होत न श्रम बेकार।। बरफ जमी है यूँ जमी, ठिठुर गये सब अंग।कम्बल टोपी ले रखो, पहन ढ़ाक तन संग।। शीत लहर चलने लगी, बरस … Read more

नयी सुबह पर कविता

jivan doha

नयी सुबह पर कविता जिम्मेदारीयों कोकंधो पर बिठाकरकुछ कुछ जरूरतें पूरी करताख्वाहिशो कोआलमारी में बंद करकेगम छुपाकरचेहरे पर एक खामोश हंसीलाता ..सच मे नही है कोई शिकनमेरे माथे पर..क्योंकिबे-हिसाब उम्मीदो सेभरे है जेब मेरे..और अनगिनत ख़्वाब भीदेखे थे पहले कभी..ओह !यह क्या ?दिन निकल गया ये सब सोचते सोचतेअंधेरे ने फैला दियाअपना साम्राज्य फिर सेसच में रात … Read more

हम परिन्दे

हम परिन्दे

हम परिन्दे हम परिन्देहम है मनमौजी सीमा न जाने।। हम परिन्दे घर न पहचाने घूमे अंजाने।। हम परिन्दे उड़ते पंख फैला देश न जानें ।। हम परिन्दे फिरे दरबदर बना लें घर।। हम परिन्देछू लेते आसमान ऊंची उड़ान ।। हम परिन्दे रहें खूब उड़ते नहीं थकते।। राकेश नमित