अविनाश तिवारी के दोहे

doha sangrah

अविनाश तिवारी के दोहे घड़ी घड़ी घड़ी का फेर है,    मन में राखो धीर।राजा रंक बन जात है,   बदल जात तकदीर।। प्रेम प्रेम न सौदा मानिये,    आतम  सुने पुकार।हरि मिलत हैं प्रीत भजेमति समझो व्यापार।। दान देवन तो करतार है,  मत कर रे अभिमान।दान करत ही धन बढ़ी,   व्यरथ पदारथ जान।। व्यवहार कटुता कभू न … Read more

कारगिल विजय दिवस पर कविता

कारगिल विजय दिवस पर कविता

कारगिल विजय दिवस कारगिल विजय दिवस है,जीत का त्यौहार है ।उन  शहीदों  को  नमन  है,वंदन  बार-बार है ।। वीर तुम बढे चले थे,चल रही थी गोलियाँ ।बर्फ  की  चादरों   पे दुश्मनों की टोलीयाँ ।।मगर तुम रुके  नहीं,   इंच भी डिगे नहीं ।सर्द  थी   घाटियाँ    पर  लहुँ में  गर्मियाँ ।।हाथ में तिरंगा और जय हिंद की … Read more

किसान पर हाइकु

किसान खेत जोतते हुए

किसान पर हाइकु मेघ बरसेअनचाही बारिशटूटती आस खड़ी फसलहो रही है बर्बादरोता किसान खेत हैं सूखेभूख कौन मिटायेंबंजर धरा। रस्सी के फंदेशाहकारों का कर्जलम्बी गर्दन। कर्ज से मुक्तिशासन से राहतकृषक हंसा। अविनाश तिवारी

राख विषय पर हाइकु -रमेश कुमार सोनी

हाइकु

राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी 1 मोक्ष ढूंढने चला – चली की बेला राख हो चला ।। 2 राख का डर जिंदगी ना रुकती मौत है सखी ।। 3 पानी जिंदगी अग्नि , राख की सखी नहीं निभती ।। 4 राख बैठे हैं भूखे – प्यासे बेचारेशमशान गाँव ।। 5 राख तौलते सब … Read more

उन बातों को मत छेड़िये

उन बातों को मत छेड़िये सारी बातें बीत गई उन बातों को मत छेड़िये,जो तुम बिन गुजरी उन रातों को मत छेड़िये। तुम मिलो न मिलो हमसे रूबरू होकर कभी,लाखो शिकायते हैं उन हालातों को मत छेड़िये। एक नजर भर देखा था हमने  तुमको यूँही कही,छूकर जो तुम्हें उठे उन ख्यालातों को मत छेड़िये। अकेले … Read more