doha sangrah

द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे/ पुष्पा शर्मा”कुसुम”

द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे पासे फेंके कपट केशकुनि रहा हर्षायदाव द्रोपदी लग गईरहे पाण्डव शर्माय सभा मध्य में द्रोपदीकरती करुण पुकारचीर दुशासन खींचतानहीं बचावन हार भीष्म बली कुरुराज ने  साध लिया है मौनपांचों पति बोले नहींबचा सके अब कौन…

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर दोहे

श्रीकृष्ण पर दोहे सुभग सलोने सांवरेनटवर दीन दयालनिरख मनोहर श्याम छविनैना हुए निहाल छवि मोहन की माधुरीनैना लीन्ह बसायजित देखों वो ही दिखेऔर ना कछु लखाय गावत गुण गोपाल केदही मथानी हाथब्रज जीवन निर्भय भयोश्याम तुम्हारे साथ पुष्पा शर्मा “कुसुम”…

doha sangrah

अविनाश तिवारी के दोहे

अविनाश तिवारी के दोहे घड़ी घड़ी घड़ी का फेर है,    मन में राखो धीर।राजा रंक बन जात है,   बदल जात तकदीर।। प्रेम प्रेम न सौदा मानिये,    आतम  सुने पुकार।हरि मिलत हैं प्रीत भजेमति समझो व्यापार।। दान देवन तो करतार है, …

कारगिल विजय दिवस पर कविता

कारगिल विजय दिवस कारगिल विजय दिवस है,जीत का त्यौहार है ।उन  शहीदों  को  नमन  है,वंदन  बार-बार है ।। वीर तुम बढे चले थे,चल रही थी गोलियाँ ।बर्फ  की  चादरों   पे दुश्मनों की टोलीयाँ ।।मगर तुम रुके  नहीं,   इंच भी डिगे…

किसान खेत जोतते हुए

किसान पर हाइकु

किसान पर हाइकु मेघ बरसेअनचाही बारिशटूटती आस खड़ी फसलहो रही है बर्बादरोता किसान खेत हैं सूखेभूख कौन मिटायेंबंजर धरा। रस्सी के फंदेशाहकारों का कर्जलम्बी गर्दन। कर्ज से मुक्तिशासन से राहतकृषक हंसा। अविनाश तिवारी Post Views: 53