प्रसन्न रहे मेरी मां भारती -रश्मिअग्निहोत्री

bharatmata
भारत माता

प्रसन्न रहे मेरी मां भारती

हे गणपति ! गणराज, गणनायक,
विघ्नहर्ता वरदाता, मंगल दायक।
अष्ट  सिद्धि, नव  निधि  के दाता, 
आए शरण, राखो लाज विधाता।

हे  शंकर  सु्वन,  भवानी  नंदन,
रिद्धि  देना  और  सिद्धि   देना।
कोमल बुद्धि देना हर सकू संताप 
जगत के आप मुझे प्रसिद्धि देना।

मोह  माया  से  चित को दूर रखूं ,
प्रभु  मुझको  ऐसी  शक्ति  देना।
कुटुंबियों पर स्नेह बरसाती रहूं,
ऐसी कोमल  हृदय में गंगा देना।

राष्ट्र कल्याण ही हो, लक्ष्य सदा,
भारतीयों को ऐसी प्रवृत्ति देना।
हे गणराजा उतारू मंगल आरती,
लोक  कल्याणकारी  वर  देना।

प्रसन्न रहे सदैव ,मेरी  मां भारती ,
प्रसन्न रहे  सदैव, मेरी मां भारती।।

रश्मिअग्निहोत्री

केशकाल, जिला कोंडागांव
राज्य- छत्तीसगढ़
सम्पर्क -7415761335

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कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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